सोमवार, 12 नवंबर 2012

मप्र विधानसभा को बदलने पड़े सूचना का अधिकार नियम


 अब हर तरह की जानकारी देनी होगी....
भोपाल 12 नवंबर 2012। मप्र विधानसभा सचिवालय को दो साल बाद ही केन्द्र सरकार के सूचना का अधिकार कानून,2005 के तहत 4 नवम्बर, 2010 को जारी मप्र विधानसभा सचिवालय सूचना का अधिकार प्रक्रिया,फीस और लागत विनियमन बदलने पड़े हैं। ऐसा इन विनियमन का दोषपूर्ण तथा उक्त कानून के विपरीत प्रावधान होने के कारण करना पड़ा है।
वर्ष 2010 के विनियमन में प्रावधान था कि आवेदक को ऐसी जानकारी उपलब्ध कराना बाध्यकारी नहीं होगा जिसके प्रकटन से मप्र विधानसभा के सदस्यों का विशेषाधिकार भंग होता हो या जिसके प्रकटन से सदन या सदन की समिति की अवमानना हो सकती है। लेकिन नये सिरे से जारी विनियमन में इस प्रावधान को खत्म कर दिया गया है। इसी प्रकार पुराने विनियमन में प्रावधान था कि वांछित जानकारी देने से इंकार कर दिया जायेगा यदि आवेदन में प्रयुक्त भाषा मप्र विधानसभा की शालीनता या प्रतिष्ठा के लिये अहितकारी या प्रतिकूल है। लेकिन अब नये नियमों में यह प्रावधान भी खत्म कर दिया गया है।
इसके अलावा पुराने नियमों में उल्लेख था कि मप्र विधानसभा प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली में उपबंध है कि वांछित सूचना ऐसे विषय से संबंधित नहीं होना चाहिये जो अध्यक्ष के क्षेत्राधिकार की परिधि में आती है, अतएव मप्र विधानसभा से संबंधित विषय की जानकारी, जो अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में आती है, देने से इंकार किया जा सकेता है और इस संबंध में सक्षम प्राधिकारी का विनिश्चय अंतिम होगा। लेकिन नये नियमों में यह प्रावधान समाप्त कर दिया गया है। इसी प्रकार, पुराने कायदों में प्रावधान था कि ऐसे मामले के संबंध में सूचना जो अध्यक्ष के विचारधीन है जिनका निर्णय नहीं किया गया है तब तक नहीं दी जायेगी तब तक कि अंतिम निर्णय न हो जाये। अब नये कायदों में इस प्रावधान का भी उल्लेख नहीं है।
लेकिन नये नियमों में दो ऐसे जरुर प्रावधान हैं जो विधानसभा सचिवालय को किसी जानकारी देने से इंकार करने के लिये अधिकृत करते हैं। मसलन नये नियमों में गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले आवेदक के लिये कहा गया है कि उसे चाही गई सूचना तभी उपलब्ध कराई जायेगी जबकि प्रश्रगत अभिलेख की सुरक्षा के लिये अहितकर न हो तथा दूसरे लोक सूचना अधिकारी सूचना के किसी अनुरोध को धारा 9 के अधीन अस्वीकार करने के लिये प्राधिकृत होगा।

- डॉ. नवीन जोशी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें