गुरुवार, 22 नवंबर 2012

उपायुक्त को भारी पड़ी संपत्ति अधिकारी की अनियमितता


उपायुक्त को भारी पड़ी संपत्ति अधिकारी - कोर्ट के आदेश पर जांच के बाद लोकायुक्तने दोनों अधिकारियों पर दर्ज की प्राथमिकी
उज्जैन 21 नवंबर 2012। हाउसिंग बोर्ड में हुई संपत्ति अधिकारी गिरीश जैन की अनियमितता पर अंकुश न लगा पाना उपायुक्त एसके मेहर को भारी पड़ गया। लोकायुक्त टीम ने कोर्ट के आदेश के बाद बही खातों में गड़बड़ी मिलने पर दोनों पर प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी। विशेष न्यायाधीश शशिकला चंद्रा ने 16 अप्रैल 2012 को हाउसिंग बोर्ड के क्लर्क प्रभुदयाल बैंडवाल को संजय कोटवानी से रिश्वत लेने के मामले में सजा दी थी। कोर्ट ने बैंडवाल द्वारा पेश प्रमाणों को देख लोकायुक्त को बोर्ड के अधिकारियों की भूमिका की सूक्ष्मता से जांच के निर्देश दिए थे। जांच के दौरान डीएसपी ओपी सागोरिया ने बोर्ड के भरतपुरी स्थित कार्यालय से नियम विरुद्ध लिखे जा रहे लेजर (बहीखाते) जब्त किए थे। उन्हें पता चला कि अनियमितता की जानकारी पर उपायुक्त ने संपत्ति अधिकारी को शोकाज नोटिस तो दिए लेकिन जवाब नहीं देने पर न मुयालय को सूचना दी और न कोई कार्रवाई की। लोकायुक्त मुयालय ने इस रिपोर्ट पर दोनों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर दी। याद रहे लोकायुक्त ने बैंडवाल को 31 अक्टूबर 2009 कोटवानी से 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा था।

 - डॉ. अरुण जैन
की अनियमितता

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