गुरुवार, 22 नवंबर 2012

आठ माह बाद लागू हुआ राजमार्ग निधि कानून


 आठ माह बाद लागू हुआ राजमार्ग निधि कानून
अब दस हजार किलोमीटर लम्बे राजमार्गों का होगा इस कानून के तहत रखरखाव
भोपाल 21 नवंबर 2012। शिवराज सरकार ने आठ माह के लम्बे अंतराल के बाद मप्र राजमार्ग निधि अधिनियम,2012 लागू किया है। इस कानून को अमलीजामा पहनाने के लिये लोक निर्माण मंत्री नागेन्द्र सिंह ने गत 13 मार्च,2012 को बिल विधानसभा सचिवालय को भेजा था जिस पर 27 मार्च,2012 को विस के बजट सत्र में चर्चा हुई और यह पारित हुआ। 20 अप्रैल,2012 को इस कानून को राज्यपाल ने मंजूरी प्रदान की थी और अब पिछली 15 नवम्बर,2012 से इस कानून को राज्य सरकार ने प्रवृत्त कर दिया है और साथ ही इसके अमलीकरण हेतु नियम भी जारी कर दिये हैं। ज्ञातव्य है कि राज्य में राज्यीय राजमार्गों की कुल संख्या 48 है तथा इनकी कुल लम्बाई 10 हजार 248.67 किलोमीटर है।
अब इन राजमार्गों का रखरखाव उक्त कानून के तहत गठित निधि से होगा तथा नये राजमार्ग भी बनाये जा सकेंगे। इस निधि का संचालन मप्र सड़क विकास निगम करेगा तथा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कार्यकारी समिति जिसमें वित्त तथा लोनिवि के भारसाधक सचिव सदस्य बनाये गये हैं तथा सड़क विकास निगम के एमडी सदस्य सचिव नियुक्त किये गये हैं, इस निधि का उपयोग करेगा। इस निधि में केन्द्र सरकार से सीधे प्राप्त धन, राज्य सरकार द्वारा जमा किया गया अशंदान या अनुदान या ऋण या अग्रिम, रियायत अनुबंध के तहत मिली प्रीमीयम का भुगतान, निधि के निवेश से प्राप्त समस्त आगम, बोली की राशि, अन्य विधि के तहत जमा राशि तथा प्राधिकरण के पास उसके खातों में इस कार्य हेतु पहले से जमा राशि शामिल की गई है। यह निधि मप्र राजमार्ग अधिनियम,2004 के तहत राजमार्ग प्राधिकरण के रुप में गठित हुये सड़क विकास निगम को राजमार्गों के विकास,संधारण एवं विनियमन हेतु किया गया है। निधि के उपयोग हेतु मप्र राजमार्ग निधि नियम,2012 भी जारी कर दिये गये हैं। निधि कार्यकारी समिति के विनिश्चय पर किसी राष्ट्रीयकृत बैंक या अनुसूचित बैंक या अन्य वित्तीय संस्था में रखी जायेगी। कार्यकारी समिति का सदस्य सचिव यानी सड़क विकास निगम का एमडी इस निधि की किसी ऐसी राशि का जिसका कि तत्काल उपयोग अपेक्षित न हो, ऐसी प्रतिभूतियों या डिबेंचरों में निवेश कर सकेगा जिन्हें कि कार्यकारी समिति द्वारा अनुमोदित किया जायेगा।
निधि से होंगे ये काम :
- राजमार्ग या उसके लिये अशोसंरचना परियोजनाओं के संबंध में किसी रियायतग्राही को वित्तीय सहायता।
- किसी राजमार्ग या अधोसंरचना परियोजना के विकास व्यय को पूरा करने हेतु।
- कार्यकारी समिति के प्रशासकीय खर्चों को पूरा करने हेतु।
- राजमार्गों के संधारण तथा उनकी मरम्मत करने हेतु।
- परियोजना तैयार करने, निविदा पूर्व कार्यकलापों, उपयोगी वस्तुयें स्थानान्तरित करने में हुये व्यय तथा भू-अर्जन हेतु।
- राज्य में राजमार्गों के विकास तथा संधारण के लिये किये गये विभिन्न कार्यकलापों के लिये प्रभारों के भुगतान हेतु।

- डॉ. नवीन जोशी

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