गुरुवार, 28 जून 2012

इंटरनेट सेंसरशिप में भारत नं वन

न्यूयॉर्क, एजेंसियां : सूचनाओं के निर्बाध ऑनलाइन प्रवाह को नियंत्रित करने की कवायद के बीच खबर है कि इंटरनेट सेंसरशिप के मामले में भारत पूरी दुनिया में अव्वल है। यह सच्चाई सर्च इंजन गूगल 
द्वारा रविवार को जारी ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट से उजागर हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार के 96 आवेदन में इंटरनेट पर उपलब्ध 255 सामग्रियों को हटाने का अनुरोध किया गया है। गूगल के वरिष्ठ नीति विश्लेषक डोरोथी चाऊ हैरान है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर खुद को ज्यादा उदार कहने वाले कई पश्चिमी देश भी इस मामले में भारत से कम नहीं हैं।
अमेरिका ने भी 2011 की अंतिम छमाही के दौरान 70 ऑनलाइन सामग्री को सेंसर करने का आग्रह सर्च इंजन से किया था। पाकिस्तान का रिकार्ड दिलचस्प है, इस अवधि में उसने दो सूचनाओं को हटाने 
का अनुरोध किया था, जिसे गूगल ने नहीं माना।
रिपोर्ट के अनुसार, 2011 की अंतिम छमाही में इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्रियों को सेंसर करने की भारत की मांग में वर्ष के शुरुआती छह महीनों के मुकाबले 49 फीसद तक की वृद्धि हुई है। भारत ने 133 
यू-ट्यूब वीडियो को हटाने का आग्रह किया था, इनमें राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर दस वीडियो को सेंसर करने की मांग भी शामिल थी। अवमानना से जुड़ी 77 सूचनाओं को भी प्रतिबंधित करने के लिए कहा 
गया था। इसके अलावा सरकार की ओर से 26 वेबसाइट और 49 ब्लॉग को लेकर भी आपत्ति दर्ज कराई गई थी। पांच मामलों में आपत्तिजनक सामग्री को हटाने का आदेश कोर्ट ने भी सर्च इंजन को दिया था। रिपोर्ट में बताया गया है कि कोर्ट के अस्सी प्रतिशत आदेश का अनुपालन किया गया। जबकि उसने सरकार की ओर से किए गए आग्रह में से 26 फीसद पर ही कार्रवाई की। इंटरनेट पर मौजूद सामग्री 
को सेंसर करने के लिए गूगल को करीब एक हजार अनुरोध पत्र मिले थे, जिसमें से उसने आधे से अधिक आग्रह को मान लिया। सर्च इंजन का कहना है कि यूजर्स डॉटा (उपभोक्ता के अकाउंट में मौजूद जानकारी) मांगने के मामले में भारत, अमेरिका से पीछे है। पिछले वर्ष की अंतिम छमाही में अमेरिका ने जहां 6321 यूजर्स डॉटा मांगे, वहीं भारत ने इस तरह का केवल 2207 आग्रह किया। भारत ने इस दौरान केवल एक अश्लील साइट को सेंसर करने का आग्रह किया है। सामग्री सेंसर करने के मामले में ब्राजील, यूक्रेन, बोलीविया और जार्डन जैसे देश भी भारत, अमेरिका से पीछे नहीं हैं। ब्राजील ने 66 मामलों में सामग्री सेंसर करने का अनुरोध किया है।
इंटरनेट सेंसरशिप में भारत अव्वल
न्यूयॉर्क, एजेंसियां : सूचनाओं के निर्बाध ऑनलाइन प्रवाह को नियंत्रित करने की कवायद के बीच खबर है कि इंटरनेट सेंसरशिप के मामले में भारत पूरी दुनिया में अव्वल है। यह सच्चाई सर्च इंजन गूगल 
द्वारा रविवार को जारी ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट से उजागर हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार के 96 आवेदन में इंटरनेट पर उपलब्ध 255 सामग्रियों को हटाने का अनुरोध किया गया है। गूगल के वरिष्ठ नीति विश्लेषक डोरोथी चाऊ हैरान है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर खुद को ज्यादा उदार कहने वाले कई पश्चिमी देश भी इस मामले में भारत से कम नहीं हैं।
अमेरिका ने भी 2011 की अंतिम छमाही के दौरान 70 ऑनलाइन सामग्री को सेंसर करने का आग्रह सर्च इंजन से किया था। पाकिस्तान का रिकार्ड दिलचस्प है, इस अवधि में उसने दो सूचनाओं को हटाने का अनुरोध किया था, जिसे गूगल ने नहीं माना।
रिपोर्ट के अनुसार, 2011 की अंतिम छमाही में इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्रियों को सेंसर करने की भारत की मांग में वर्ष के शुरुआती छह महीनों के मुकाबले 49 फीसद तक की वृद्धि हुई है। भारत ने 133 
यू-ट्यूब वीडियो को हटाने का आग्रह किया था, इनमें राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर दस वीडियो को सेंसर करने की मांग भी शामिल थी। अवमानना से जुड़ी 77 सूचनाओं को भी प्रतिबंधित करने के लिए कहा 
गया था। इसके अलावा सरकार की ओर से 26 वेबसाइट और 49 ब्लॉग को लेकर भी आपत्ति दर्ज कराई गई थी। पांच मामलों में आपत्तिजनक सामग्री को हटाने का आदेश कोर्ट ने भी सर्च इंजन को दिया था। रिपोर्ट में बताया गया है कि कोर्ट के अस्सी प्रतिशत आदेश का अनुपालन किया गया। जबकि उसने सरकार की ओर से किए गए आग्रह में से 26 फीसद पर ही कार्रवाई की। इंटरनेट पर मौजूद सामग्री 
को सेंसर करने के लिए गूगल को करीब एक हजार अनुरोध पत्र मिले थे, जिसमें से उसने आधे से अधिक आग्रह को मान लिया। सर्च इंजन का कहना है कि यूजर्स डॉटा (उपभोक्ता के अकाउंट में मौजूद 
जानकारी) मांगने के मामले में भारत, अमेरिका से पीछे है। पिछले वर्ष की अंतिम छमाही में अमेरिका ने जहां 6321 यूजर्स डॉटा मांगे, वहीं भारत ने इस तरह का केवल 2207 आग्रह किया। भारत ने इस 
दौरान केवल एक अश्लील साइट को सेंसर करने का आग्रह किया है। सामग्री सेंसर करने के मामले में ब्राजील, यूक्रेन, बोलीविया और जार्डन जैसे देश भी भारत, अमेरिका से पीछे नहीं हैं। ब्राजील ने 66 
मामलों में सामग्री सेंसर करने का अनुरोध किया है।
इंटरनेट सेंसरशिप में भारत अव्वल
न्यूयॉर्क, एजेंसियां : सूचनाओं के निर्बाध ऑनलाइन प्रवाह को नियंत्रित करने की कवायद के बीच खबर है कि इंटरनेट सेंसरशिप के मामले में भारत पूरी दुनिया में अव्वल है। यह सच्चाई सर्च इंजन गूगल 
द्वारा रविवार को जारी ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट से उजागर हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार के 96 आवेदन में इंटरनेट पर उपलब्ध 255 सामग्रियों को हटाने का अनुरोध किया गया है। गूगल के वरिष्ठ 
नीति विश्लेषक डोरोथी चाऊ हैरान है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर खुद को ज्यादा उदार कहने वाले कई पश्चिमी देश भी इस मामले में भारत से कम नहीं हैं।
अमेरिका ने भी 2011 की अंतिम छमाही के दौरान 70 ऑनलाइन सामग्री को सेंसर करने का आग्रह सर्च इंजन से किया था। पाकिस्तान का रिकार्ड दिलचस्प है, इस अवधि में उसने दो सूचनाओं को हटाने 
का अनुरोध किया था, जिसे गूगल ने नहीं माना।
रिपोर्ट के अनुसार, 2011 की अंतिम छमाही में इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्रियों को सेंसर करने की भारत की मांग में वर्ष के शुरुआती छह महीनों के मुकाबले 49 फीसद तक की वृद्धि हुई है। भारत ने 133 यू-ट्यूब वीडियो को हटाने का आग्रह किया था, इनमें राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर दस वीडियो को सेंसर करने की मांग भी शामिल थी। अवमानना से जुड़ी 77 सूचनाओं को भी प्रतिबंधित करने के लिए कहा 
गया था। इसके अलावा सरकार की ओर से 26 वेबसाइट और 49 ब्लॉग को लेकर भी आपत्ति दर्ज कराई गई थी। पांच मामलों में आपत्तिजनक सामग्री को हटाने का आदेश कोर्ट ने भी सर्च इंजन को दिया था। रिपोर्ट में बताया गया है कि कोर्ट के अस्सी प्रतिशत आदेश का अनुपालन किया गया। जबकि उसने सरकार की ओर से किए गए आग्रह में से 26 फीसद पर ही कार्रवाई की। इंटरनेट पर मौजूद सामग्री को सेंसर करने के लिए गूगल को करीब एक हजार अनुरोध पत्र मिले थे, जिसमें से उसने आधे से अधिक आग्रह को मान लिया। सर्च इंजन का कहना है कि यूजर्स डॉटा (उपभोक्ता के अकाउंट में मौजूद जानकारी) मांगने के मामले में भारत, अमेरिका से पीछे है। पिछले वर्ष की अंतिम छमाही में अमेरिका ने जहां 6321 यूजर्स डॉटा मांगे, वहीं भारत ने इस तरह का केवल 2207 आग्रह किया। भारत ने इस दौरान केवल एक अश्लील साइट को सेंसर करने का आग्रह किया है। सामग्री सेंसर करने के मामले में ब्राजील, यूक्रेन, बोलीविया और जार्डन जैसे देश भी भारत, अमेरिका से पीछे नहीं हैं। ब्राजील ने 66 मामलों में सामग्री सेंसर करने का अनुरोध किया है।
इंटरनेट सेंसरशिप में भारत अव्वल
न्यूयॉर्क, एजेंसियां : सूचनाओं के निर्बाध ऑनलाइन प्रवाह को नियंत्रित करने की कवायद के बीच खबर है कि इंटरनेट सेंसरशिप के मामले में भारत पूरी दुनिया में अव्वल है। यह सच्चाई सर्च इंजन गूगल 
द्वारा रविवार को जारी ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट से उजागर हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार के 96 आवेदन में इंटरनेट पर उपलब्ध 255 सामग्रियों को हटाने का अनुरोध किया गया है। गूगल के वरिष्ठ 
नीति विश्लेषक डोरोथी चाऊ हैरान है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर खुद को ज्यादा उदार कहने वाले कई पश्चिमी देश भी इस मामले में भारत से कम नहीं हैं।
अमेरिका ने भी 2011 की अंतिम छमाही के दौरान 70 ऑनलाइन सामग्री को सेंसर करने का आग्रह सर्च इंजन से किया था। पाकिस्तान का रिकार्ड दिलचस्प है, इस अवधि में उसने दो सूचनाओं को हटाने 
का अनुरोध किया था, जिसे गूगल ने नहीं माना।
रिपोर्ट के अनुसार, 2011 की अंतिम छमाही में इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्रियों को सेंसर करने की भारत की मांग में वर्ष के शुरुआती छह महीनों के मुकाबले 49 फीसद तक की वृद्धि हुई है। भारत ने 133 यू-ट्यूब वीडियो को हटाने का आग्रह किया था, इनमें राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर दस वीडियो को सेंसर करने की मांग भी शामिल थी। अवमानना से जुड़ी 77 सूचनाओं को भी प्रतिबंधित करने के लिए कहा 
गया था। इसके अलावा सरकार की ओर से 26 वेबसाइट और 49 ब्लॉग को लेकर भी आपत्ति दर्ज कराई गई थी। पांच मामलों में आपत्तिजनक सामग्री को हटाने का आदेश कोर्ट ने भी सर्च इंजन को दिया था। रिपोर्ट में बताया गया है कि कोर्ट के अस्सी प्रतिशत आदेश का अनुपालन किया गया। जबकि उसने सरकार की ओर से किए गए आग्रह में से 26 फीसद पर ही कार्रवाई की। इंटरनेट पर मौजूद सामग्री 
को सेंसर करने के लिए गूगल को करीब एक हजार अनुरोध पत्र मिले थे, जिसमें से उसने आधे से अधिक आग्रह को मान लिया। सर्च इंजन का कहना है कि यूजर्स डॉटा (उपभोक्ता के अकाउंट में मौजूद जानकारी) मांगने के मामले में भारत, अमेरिका से पीछे है। पिछले वर्ष की अंतिम छमाही में अमेरिका ने जहां 6321 यूजर्स डॉटा मांगे, वहीं भारत ने इस तरह का केवल 2207 आग्रह किया। भारत ने इस दौरान केवल एक अश्लील साइट को सेंसर करने का आग्रह किया है। सामग्री सेंसर करने के मामले में ब्राजील, यूक्रेन, बोलीविया और जार्डन जैसे देश भी भारत, अमेरिका से पीछे नहीं हैं। ब्राजील ने 66 मामलों में सामग्री सेंसर करने का अनुरोध किया है|

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