गुरुवार, 28 जुलाई 2011

आरएसएस मुख्यालय उज्जैन लाने पर चिंतन मनन होगा


आरएसएस मुख्यालय उज्जैन लाने पर चिंतन मनन होगा
- आरएसएस की तीन दिवसीय राष्ट्रीय बैठक अगस्त के अंतिम सप्ताह में उज्जैन में होगी
उज्जैन 26 जुलाई 2011 (डॉ. अरुण जैन)। ३१ वर्षों से लंबे अंतराल के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की राष्ट्रीय बैठक अगले माह उज्जैन में होने जा रही है। तीन दिवसीय बैठक संभवत: अगस्त के अंतिम सप्ताह में होगी। बैठक में वर्तमान राजनैतिक मुददों पर तो विचार होगा ही पर आरएसएस के राष्ट्रीय मुख्यालय को नागपुर से उज्जैन स्थानांतरित करने जैसे गंभीर विषय पर भी चिंतन-मनन होगा। राष्ट्रीय बैठक का स्थल और तारीख अभी तक घोषित नहीं की गई है। संभावना है कि यह बैठक महाकाल मैदान, चारधाम मंदिर अथवा लोकमान्य तिलक स्कूल परिसर में हो सकती है।
इस बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी, लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, अरूण जेटली सहित संघ से जुड़े संगठनों के करीब 400 राष्ट्रीय पदाधिकारी शिरकत करेंगे। बैठक में किन मुद्दों पर मंथन होगा, यह गोपनीय रखा गया है। संघ के केंद्रीय नेतृत्व ने राष्ट्रीय समन्वय बैठक के लिए मालवा का गढ़ माने जाने वाले उज्जैन को चुना है। सूत्रों की माने तो बैठक में संघ अपनी आगामी कार्य योजना तैयार करेगा व संगठनों में राष्ट्रीय स्तर पर फेरबदल के निर्णय होंगे।
बताया जा रहा है कि सरसंघचालक मोहन भागवत ३ दिनों तक शहर में ही रहेंगे और विभिन्न सत्रों में संगठन पदाधिकारियों की क्लास लेंगे। बैठक में संघ के पदाधिकारियों में भी बदलाव होने की संभावना है। भागवत उज्जैन से ही कई लोगों की छुट्टी कर नए स्वयं सेवकों को अहम जिम्मेदारी सौंप सकते हंै।
इन संगठनों के राष्ट्रीय पदाधिकारी आएंगे
समन्वय बैठक में आरएसएस के १७ अनुशांगिक संगठन सेवा भारती, वनवासी कल्याण परिषद, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, विद्या भारती, अभाविप, विहिप सहित अन्य संगठनों के पदाधिकारी भाग लेंगे। सूत्रों के अनुसार बैठक के दौरान प्रदेश मुखिया शिवराजसिंह चौहान भी आएंगे लेकिन सीधे तौर पर उन्हें किसी मंत्रणा में शामिल नहीं रखा जाएगा।
गढ़ होने से केंद्रीय नेतृत्व का लगाव
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के केंद्रीय मानचित्र में मालवा प्रांत का विशेष स्थान है और इस मालवा प्रांत में भी बाबा महाकाल की नगरी उज्जयिनी व आसपास के क्षेत्र संघ पृष्ठभूमि के गढ़ माने जाते हैं। इस पावन धरा से संघ को दर्जनों प्रादेशिक व राष्ट्रीय स्तर के नेता मिले है। यही कुछ ऐसे समीकरण हैं, जिसके कारण संघ के केंद्रीय नेतृत्व ने भोपाल, इंदौर व जबलपुर जैसे नगरों को छोडक़र उज्जैन को राष्ट्रीय समन्वय बैठक की मेजबानी का जिम्मा सौंपा है।
राष्ट्रीय समन्वय बैठक की व्यवस्थाओं को लेकर प्रादेशिक स्तर की बैठकों का दौर शुरू हो गया है। अतिथियों को ठहराने, भोजन व अन्य व्यवस्थाओं पर वरिष्ठ नेता विभिन्न स्तर पर विचार विमर्श में जुट गए हंै। संघ के सरदारपुरा स्थित आराधना कार्यालय में प्रदेश स्तर के कई नेता बैठक के संबंध में विचार मंथन के लिए आने लगे हैं। यह बैठक राष्ट्रीयस्तर की है, इस कारण इसमें मध्यभारत प्रांत व प्रादेशिक स्तर के नेताओं को भी मंत्रणा से दूर रखा जाएगा। ये लोग सिर्फ व्यवस्था संभालेंगे संगठन के मुद्दों पर इनसे कोई चर्चा नहीं होगी
31 साल बाद मिला मौका- संघ से जुड़े लोगों के अनुसार वर्ष 1980 में उज्जैन में आरएसएस की एक राष्ट्रीय बैठक हुई थी। इसमें भी सर संघचालक, केंद्रीय संपर्क प्रमुख व राष्ट्रीय प्रचारक शामिल हुए थे। 31 साल बाद फिर से उज्जैन को इस बैठक की मेजबानी का मौका मिला है। वैसे अब संघ उन प्रदेशों में अधिक आयोजन कर रहा है, जहां भाजपा की सरकार है।
मालवा के स्वयं सेवकों ने किया नाम- उज्जैन व शाजापुर जिलों से संघ के कई वरिष्ठ नेता हुए हैं, जो क्षेत्रीय जिम्मेदारियों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर संघ कार्यो में संलग्न रहे हैं। उज्जैन से बाबासाहब नातू, लक्ष्मणराव तराणेकर, विनायकराव मोढ़े, दत्तात्रेय उलनगांवकर, हरिभाऊ जोशी, राजाभाऊ व पद्मश्री विष्णुश्रीधर वाकणकर जैसे स्वयं सेवक हुए हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर पहचाने जाते हैं, वहीं शाजापुर के बड़ी पोलाय से भी शालीग्रामसिंह तोमर, माखनसिंह जैसे बड़े नेता संघ को मिले हैं।
तैयार होगी वार्षिक कार्य योजना- राष्ट्रीय बैठक में संघ के सभी 17 अनुशांगिक संगठनों की वार्षिक कार्ययोजना तैयार होगी और देश के ज्वलंत मुद्दों पर किए जाने वाले प्रदर्शनों के बारे में चिंतन होगा। सभी संगठनों में समन्वय रहे इसके लिए वार्षिक कैलेंडर भी बनाया जाएगा।
मीडिया से दूरी रखेंगे
संघ की इस राष्ट्रीय बैठक की तैयारियों, कार्यसूची और पदाधिकारियों से मीडिया को पूरी तरह दूर रखने का निर्णय लिया गया है। बैठक की तिथियों, स्थान आदि के बारे में कोई भी अधिकारिक रूप से जानकारी नहीं दे रहा है। बैठक स्थल पर मीडिया का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। बैठक के निर्णयों अथवा प्रस्तावों की जानकारी भी मीडिया को दी जाएगी या नहीं इस बारे में भी संघ के अधिकारिक प्रतिनिधि चुप्पी साधे हुए हैं।
Date: 26-07-2011

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