शनिवार, 30 अप्रैल 2011

स्थाई होगा गैस राहत विभाग - गौर

स्थाई होगा गैस राहत विभाग - गौर
तकनीकी शिक्षा का हब बनेगा भोपाल, अस्पतालों में खाली पद भरे जायेंगे
भोपाल 30 अप्रैल 2011। गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास मंत्री श्री बाबूलाल गौर ने आज यहां विभागीय समीक्षा के दौरान घोषणा की है कि गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग को स्थाई विभाग का स्वरूप देने के लिये मई माह में केबिनेट के समक्ष प्रस्ताव पेश किया जायेगा। यूनियन कार्बाइड कारखाने से दिसम्बर 1984 में जहरीली गैस के रिसाव के बाद उक्त विभाग का अस्थाई रूप से गठन किया गया था।
श्री गौर ने कहा कि स्थाई विभाग बन जाने से गैस पीड़ितों के चिकित्सीय, सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय पुनर्वास के काम में तेजी आयेगी। साथ ही गैस राहत के अस्पतालों में चिकित्सकों तथा पैरा मेडिकल स्टॉफ के खाली पदों पर भरती का रास्ता भी खुलेगा। मौजूदा समय में विभाग द्वारा संचालित अस्पताल तथा डिस्पैंसरियों को डॉक्टरों तथा अन्य पेरा मेडिकल स्टॉफ की कमी से जूझना पड़ रहा है, जिसकी वजह से गैस पीड़ितों को परेशानी हो रही है। अस्पतालों में 365 पद रिक्त हैं, जिनमें 87 पद डॉक्टरों के तथा 211 पेरा मेडिकल स्टॉफ के हैं।
बैठक में गैस पीड़ित संगठनों के पदाधिकारी श्री आलोक प्रताप सिंह, श्री अब्दुल जब्बार, श्री सतीनाथ षडंगी, श्री मदनलाल रांजी के अलावा सचिव गैस राहत श्री एस.आर. मोहन्ती, सचिव तकनीकी शिक्षा श्री संजय सिंह, उद्योग विभाग तथा नगर निगम के अधिकारी मौजूद थे।
तकनीकी शिक्षा के सचिव श्री संजय सिंह ने बताया कि अगले 3 वर्षों में भोपाल को तकनीकी शिक्षा के हब के रूप में विकसित करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। गोविन्दपुरा औद्योगिक क्षेत्र में गैस पीड़ितों के प्रशिक्षण के लिये बनाया गया भवन तकनीकी शिक्षा विभाग के आधिपत्य में है। इस भवन का निर्माण सन् 1986 में 8.63 करोड़ रुपये की लागत से कराया गया था। इसमें आई.टी.आई. संचालित की जा रही है जिसमें 17 ट्रेडों में गैस पीड़ितों को प्रशिक्षित किये जाने की व्यवस्था है। इन 17 ट्रेडों में से 11 ट्रेड एन.सी.व्ही.टी. से मान्यता प्राप्त है।
समीक्षा के दौरान श्री गौर ने भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के सहयोग से भोपाल में रेडीमेड गारमेंट निर्माण के लिये प्रशिक्षण केन्द्र खोलने के निर्देश दिये। इस ट्रेनिंग सेंटर के लिये गोविन्दपुरा स्थित दो वर्कशेड फौरी तौर पर आवंटित करने के निर्देश श्री गौर ने दिये।
गैस राहत सचिव श्री मोहन्ती ने कहा कि विभाग को स्थाई बनाने से स्थिति बेहतर ढंग से संचालित की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि सामाजिक पुनर्वास के अंतर्गत 104 करोड़ रुपये रखे गये हैं। गैस संगठनों के प्रतिनिधियों ने गैस अस्पतालों में डॉक्टरों की कमियों की तरफ ध्यान आकृष्ट किया। वहीं उन्होंने गैस प्रभावित बस्तियों में नि:शुल्क नल कनेक्शन देने की गति बढ़ाने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि जहां भी पेयजल आपूर्ति के लिये पीवीसी पाइप डाले गये हैं उन्हें जी.आई. लाइन में बदला जाकर उन्हें सीवर चेम्बर से अलग किया जाये।
Date: 30-04-2011

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