राजघाट परियोजना से पर्याप्त पानी प्रदाय किया जा रहा है
विधान सभा में ध्यान आकर्षण
भोपाल, 25 फरवरी, 2011। जलसंसाधन मंत्री जयंत मलैया ने विधायक गोविंदसिंह, राम निवास रावत द्वारा किये गये ध्यान आकर्षण पर आज विधान सभा मं बताया कि श्री मलैया की चम्बल कमाण्ड क्षेत्र मंे गांॅधी सागर बॉंध में संग्रहित पानी को कोटा बैराज के माध्यम से सिंचाई हेतु दिया जाता है। गॉंधी सागर बॉंध की भराव क्षमता 6604 मिलियन धनमीटर है। वर्ष 2010 में बॉध में 1096 मिलियन धनमीटर पानी का भराव हुआ जो कि मात्र 17 प्रतिशत है। इस वर्ष 70 हजार हेक्टेयर में एक सिचाई का एलान किया गया था तथा कृषकों को चना तथा सरसों जैसी कम पानी वाली फसल बोने की सलाह दी गई थी। माननीय विधायक जी का यह कथन सत्य हो सकता है कि 1 लाख 50 हजार हैक्टेयर रकबे में गेहुॅ की फसल की बोनी किसानों द्वारा की गई किन्तु सिंचाई व्यवस्था उपलब्ध पानी के अनुसार ही संभव है।
चंबल नहर से प्रवाह अनवरत जारी रहा। मध्यप्रदेश एवं राजस्थान के अधिकारियों के साथ बैठक दिनांक 19 अक्टूबर 2010 में पानी की कमी के कारण 53 दिन पानी देने का निर्णय लिया गया था। दिनांक 8 जनवरी 2011 को कोटा में पुनः बैठक आयोजित की गई जिसमें नहर को 53 दिन से बढ़ाकर गॉधी सागर में 1250 के लेबिल तक चलाने का निर्णय लिया गया जिससे वास्तव में नहर को 70 दिन चलाया गया। एलान और वास्तविक सिंचाई की स्थिति निम्नानुसार हैः-
इस प्रकार दोनों राज्यों के सौजन्य एवं कुशल प्रबेधन से इस वर्ष मात्र 17 प्रतिशत भराव के बावजूद लगभग 105 हजार हैक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी गई। दूसरी बैठक के बाद पार्वती एक्वाडक्ट पर 7.1 फंट पानी प्राप्त हुआ, जिससे 105 हजार हैक्टेयर में सिंचाई की गई। गॉधी सागर बॉंध का जलस्तर न्यूनतम पर पहुंच गया है। अतः अब पानी की निकासी संभव नहीं है। नहर दिनांक 6 फरवरी 2011 को बंद कर दी गई है।
इसी प्रकार भिण्ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत भाण्डेर एवं राजघाट नहर प्रणाली के द्वारा पर्याप्त मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है। दिनांक 11 ॅरवरी 2011 को इस नहर से 38 क्यूमैक पानी प्रवाहित किया जा रहा था। उल्लेखित ग्रामों में सिचाई की स्थिति निम्नानुसार हैः-
इस प्रकार पर्याप्त मात्रा में पानी दिया जा रहा है। दिनांक 14 फरवरी 2011 को प्रमुख अभियंता के द्वारा भी दबोह क्षेत्र का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दिनांक को दबोह वितरक नहर में 20 क्यूमैक जल प्रवाहित था। किसी भी स्थल पर फसल नष्ट होने की स्थिति नहीं थी। कृषकों में हाहाकार तथ पलायन जैसी भी स्थिति नहीं पायी गई। जैसर कि पूर्व मंे भी उल्लेख किया गया है पानी पर्याप्त मात्रा मंे दिया जा रहा है। ग्राम अचलपुरा के कृषकों को भी दिनांक 6 फरवरी 2011 से पानी प्रदाय किया गया है। यह सत्य नहीं है कि विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी मौकें पर उपस्थित नहीं रहते। प्रमुख अभियंता के आकस्मिक निरीक्षण में सभी अधिकारी एवं कर्मचारी मौके पर उपस्थित पाये गये।
दिनांक 15 फरवरी 2011 को भूटान बैराज पर राजघाट परियोजना से संबंधित जल उपभोक्ता संस्थाओं के अध्यक्षों का सम्मेलन भी किया गया जिसमें अपर सचिव, जल संसाधन, प्रमुख अभियंता, संचालक स्वाराडैक, कलेक्टर दतिया आदि भी उपस्थित थे। संस्था अध्यक्षों के साथ विचार विमर्श करके समस्याओं का समाधान भी किया गया।
मुख्य अभियंता, राजघाट नहर परियोजना दतिया द्वारा भी क्षेत्रों का दौरा दिनांक 21.01.2011 को संचालक स्वाराडैक एवं मुख्य अभियंता, यमुना कछार ग्वालियर के साथ, दिनांक 01.02.2011, 03.02.2011 एवं 11.02.201 को ग्राम अचलपुरा एवं रामनेर के क्षेत्रों तक किया गया तथा संथा अध्यक्षों के साथ विचार विमर्श कर समस्याओं का समाधान किया।
इस प्रकार विभाग के द्वारा किये जा रहे कुशल प्रबंधन से अपूर्ण भराव (82 प्रतिशत) के बावजूद राजघाट परियोजना से पर्याप्त पानी प्रदाय किया जा रहा है जिससे क्षेत्र में इस वर्ष रिकार्ड गेहूॅ उत्पादन होने की संभावना है। शासन के द्वारा की गई व्यवस्था से ग्रामीण कृषकों में हर्ष व्याप्त है।
Date: 25-02-2011
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