सोमवार, 28 फ़रवरी 2011

उड़ीसा: कोरापुट में मंत्री-विधायकों के घुसने पर रोक


भुवनेश्वर मलकानगिरी के जिलाधिकारी आरवी कृष्णा अपहरण कांड में सरकार से अपनी मांगें मनवाने से उत्साहित नक्सलियों ने अपने प्रभाव वाले कोरापुट क्षेत्र में विधायकों, मंत्रियों सहित बीजद नेताओं के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। इस पाबंदी की अवहेलना करने वाले नेताओं को मृत्युदंड देने का एलान किया है।

माओवादी संगठन बासदारा डिवीजनल कमेटी के प्रभारी आजाद की ओर से सोमवार को जारी पोस्टरों में कहा गया कि उड़ीसा के एकीकृत कोरापुट [कोरापुट, मलकानगिरि, रायगड़ा व नवरंगपुर जिले] में बीजद नेता इलाके के निरीह आदिवासियों को माओवादी कहकर प्रताड़ित कर रहे हैं, इससे स्थानीय लोग आतंकित हैं। स्थानीय लोगों के वोट लेकर जीतने वाले ये नेता यहां के लोगों की उपेक्षा कर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हित की चिंता करते हैं। इन लोगों के क्षेत्र में आने पर रोक के अलावा कोई चारा नहीं है। खासकर सांसद जयराम पांगी और विधायक राममूर्ति मोटिका को निशाने पर लेते हुए उन्हें आदिवासियों के हित के खिलाफ काम करने वाला बताया गया है। इन पोस्टरों में नक्सलियों ने युवाओं से कलम छोड़कर बंदूक पकड़ने का आह्वान किया है।


मलकानगिरि। उड़ीसा में जिन नक्सलियों की रिहाई के लिए जिलाधिकारी का अपहरण हुआ था, उन्हीं में से एक श्रीनिवास श्रीरामुलू की जमानत याचिका सोमवार को अदालत ने खारिज कर दी। मलकानगिरि के जिलाधिकारी आरवी कृष्णा बीती 16 फरवरी को अगवा कर लिये गए थे। आठ दिनों के बाद पिछले हफ्ते उनकी रिहाई हुई थी। श्रीनिवास की जमानत याचिका अतिरिक्त जिला जज एमएस ढल ने खारिज की। उन्होंने ही एक अन्य मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए पिछले हफ्ते इसी नक्सली नेता की जमानत स्वीकार की थी। अधिवक्ता आरपी पटनायक के अनुसार श्रीनिवास पूर्व में मिली जमानत के बावजूद जेल से छूटा नहीं था, वह एक पुलिसकर्मी पर हमले का आरोपी है। उसे मलकानगिरि जिले से जुलाई 2007 में गिरफ्तार किया गया था।

डीएम अपहरण में तीन नक्सलियों पर मामला

संबलपुर। पुलिस ने जिलाधिकारी आरवी कृष्णा और कनिष्ठ अभियंता पबित्र मांझी के अपहरण मामले में आंध्र-उड़ीसा बॉर्डर स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता प्रसाद समेत तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जिन अन्य दो के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, वे एरिया कमांडर विभूति और माधव हैं।

28-2-2011

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