चोरी में पकड़ाए युवक ने थाने में फांसी लगाकर दी जान
उज्जैन, १६ फरवरी (डॉ. अरुण जैन)। नीलगंगा थाने में मंगलवार सुबह एक बंदी ने फांसी लगाकर जान दे दी। वह चोरी के मामले में रिमांड पर था। सुबह 11.40 बजे संतरी उसे शौच के लिए ले गया। यहां शौचालय में उसने रस्सी से फांसी लगा ली। उसका शव दरवाजा तोडक़र निकालना पड़ा। मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए गए हैं। वहीं, टीआई एआर खान, संतरी धीरेंद्रसिंह गिल, हेड मोहर्रिर ह्वदयनारायण मिश्रा, कांस्टेबल मानसिंह राणा व चंद्रपालसिंह तोमर को सस्पेंड कर दिया गया।
एएसपी शहर रायसिंह नरवरिया के मुताबिक, भैया उर्फ पवन पिता नन्नू सूर्यवंशी (19) निवासी अशोकनगर को 9 फरवरी को नानाखेड़ा इलाके से चोरी की बाइक पर साथी सूरज पिता जगदीश बैरवा व मोनू उर्फ कमल पिता बाबूलाल बैरवा निवासी अशोकनगर के साथ गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान इन्होंने आधा दर्जन से ज्यादा चोरियां कबूलीं। निशानदेही पर 6 से अधिक एलपीजी सिलेंडर, दो मोबाइल भी जब्त किए गए। 10 फरवरी को कोर्ट ने मोनू को जेल भेज दिया, जबकि पवन व सूरज 15 फरवरी तक रिमांड पर थे। मंगलवार दोपहर पेशी से पहले संतरी धीरेंद्रसिंह गिल आईओ रूम (लॉकअप से कुछ दूर) स्थित शौचालय में पहले सूरज को शौच के लिए ले गया। थोड़ी देर बाद पवन को ले गए तो दरवाजा बंद करने के 15 मिनट बाद तक भीतर से हलचल नहीं हुई। दरवाजा खटखटाने पर जवाब न मिला तो पुलिसकर्मियों ने दरवाजा तोड़ दिया। अंदर पवन रोशनदान में रस्सी से फांसी पर लटका था। पुलिस कस्टडी में मौत की खबर मिलते ही सीजेएम ओपी रघुवंशी ने थाने पहुंच पंचनामा करवाया और लॉकअप में अन्य बंदियों से पूछताछ की।
उज्जैन एसपी सतीशकुमार सक्सेना ने बताया कि बंदी की मौत के मामले में टीआई सहित तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया है। परिजनों का आरोप था कि दो और पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध है। उन्हें भी सस्पेंड कर जांच शुरू की गई है। मामले की मजिस्ट्रेटी जांच होगी। पोस्टमार्टम चार डॉक्टरों की पैनल से करवाया गया।
Date: 16-02-2011
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