सिंहस्थ की शुरूआत ब्रिज, वॉच टावर व फ्लाय ओवर से
सिंहस्थ की शुरूआत ब्रिज, वॉच टावर व फ्लाय ओवर से
उज्जैन, १६ फरवरी (डॉ. अरुण जैन)। सिंहस्थ 2016 की तैयारियों की शुरूआत रेलवे ओवर ब्रिज, फ्लाय ओवर और सिंहस्थ वॉच टॉवर जैसे बड़े और महंगे कामों से होगी। यानी सिंहस्थ के लिए भेजे 815 करोड़ के प्रस्ताव में से 450 करोड़ के काम पहले होंगे। सिंहस्थ के अन्य जरूरी व आवश्यकता वाले काम बकायदा मास्टर प्लान बनाकर किया जाएगा। पहले वे काम होंगे जो शहर विकास व सिंहस्थ के लिए जरूरी है। सिंहस्थ कार्यो को लेकर यह सैद्धातिक सहमति मंगलवार को भोपाल में मुख्य सचिव अवनि वैश्य की मौजूदगी में हुई बैठक में बनी। इसमें तय किया गया कि सिंहस्थ के प्रथम चरण में उन कामों की शुरूआत की जाए जो जरूरी, बड़े और उनके निर्माण में समय लगने वाला है। लिहाजा सिंहस्थ के लिए भेजे गए 8 15.95 करोड़ के प्रस्ताव में रेलव ब्रिज, फ्लाय ओवर, सिंहस्थ वॉट टॉवर, कमरी मार्ग के चौड़ीकरण सहित अन्य करोड़ों के प्रोजेक्ट पर पहले काम करने पर मुहर लगी। बैठक में संभागायुक्त टी. धर्माराव ने मुख्य सचिव को बताया कि यह काम सिंहस्थ ही नहीं शहर विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।
मुख्य सचिव ने भी इसमें सहमति जताते हुए अधिकारियों से जल्द प्रस्ताव बनाने को कहा, ताकि इन्हें आगामी बजट में शामिल किया जा सके। करीब ड़ेढ घंटे चली बैठक में सिंहस्थ के मद्देनजर होने वाले अन्य कामों पर चर्चा हुई। बैठक में कलेक्टर डॉ. एम. गीता व निगमायुक्त मुकेश शुक्ल भी मौजूद थे।
600 करोड़ के रिंगरोड व जलाशय पर भी सहमति- बैठक में शहर के बाहर बनने वाले 400 करोड़ के आउटर रिंगरोड व 200 करोड़ के सांवराखेड़ी जलाशय जैसे प्रोजेक्ट पर भी सहमति बनी। मुख्य सचिव ने दोनों प्रोजेक्ट को प्राथमिकता में लेने की बात कहते हुए इनके प्रस्ताव भेजने को कहा। संभागायुक्त टी. धर्माराव के मुताबिक इसमें रिंगरोड को बीओटी के तहत बनाया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने दी सहमति- सिंहस्थ 2016 के लिए बड़े और ज्यादा समय लेने वाले प्रोजेक्ट के काम पहले शुरू करने पर मुख्य सचिव ने सहमति दी है। सिंहस्थ क्षेत्र में होने वाले अन्य कामों को मास्टर प्लॉन बनाकर किया जाएगा। सिंहस्थ कार्यो के प्रथम चरण में करीब 450 करोड़ के काम शुरू होंगे। अन्य कामों को मास्टर प्लॉन में शामिल किया जाएगा। -टी.धर्माराव, संभागायुक्त
बगैर मास्टर प्लॉन कैसे बनाए प्रस्ताव- बैठक की शुरूआत में ही मुख्य सचिव वैश्य ने सिंहस्थ कार्यो को लेकर भेजे गए 950 करोड़ के प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए पूछा कि बगैर मास्टर प्लॉन के यह कैसे बना दिया। हालांकि संभागायुक्त ने बताया कि अगर किसी कंसर्ट एजेंसी से बनाते तो इसमें छह से साल भर का समय लगता। इस पर सहमत होते मुख्य सचिव ने कहा कि सिंहस्थ क्षेत्र में होने वाले छोटे-बड़े काम मास्टर प्लान बनाकर ही किए जाए। मुख्य सचिव को यह भी बता गया कि कंसर्ट एजेंसी के लिए टेंडर भी जारी कर दिए हैं।
Date: 16-02-2011
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें