बुधवार, 16 फ़रवरी 2011
क्या यही प्यार हैं ?
क्या यही प्यार हैं ?
‘‘ हमने देखी हैं,उन ऑखो की महकती खुशबू
हाथ से छू के इसे रिष्तों का इल्जाम न दो,
सिर्फ एहसास है ये, रूह से महसूस करो,
प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम न दो.....। ‘‘
यह गुलजार जी का कहना, आज भी प्यार करने वालों के लिए एक संदेष है। सदियॉं बदल रही है, हमारे जीने के तरीके बदल रहे है, लेकिन प्यार करने का तरीका नहीं बदला। आज का युवा भी उसी जज्बे से प्यार करते हैं, और अपने प्रेमी के लिए मर मिटने को तैयार रहते हैं। प्यार की अनुभूति कब,किसे,कैसे हो जाए-यह कहा नहीं जा सकता।
जब हवा ने फूल को पहली बार चूमा तो खुषबू ने जन्म लिया और जब रोते हुए बच्चे को मॉं ने सहलाया तो पहली बार प्यार आसमान से जमीन पर उतरा।चॉंदनी में भीगकर क्या किसी का मन कभी पूरी तरह से भरा हैं? क्या हवा की गुनगुनाहट किसी को हर दम के लिए तृप्त कर सकती हैं १़ इस दुनिया में भले ही सब कुछ समाप्त हो जाए, मगर प्यार फिर भी जिंदा रहेगा। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने भी कहा कि जिसने प्यार सच्चे दिल से किया उसकी पहुॅंच खुदा तक होती हैं। किसी की कुर्बानी किसी के लिए बलिदान होती है,तो किसी के लिए वह प्रेरणा का काम करती है, तभी तो संत वेलेन्टाइन के मरने के बाद खास उनकी याद में 14 फरवरी को वेलेन्टाइन डे के रूप में मनाया जाता है। लैला-मजनू, शीरी-फरहाद, हीर-रांझा, रोमियो-जूलिएट जैसे नाम आज भी प्यार की अमर निषानी है।
प्यार का अहसास कहने से नहीं, बल्कि अपने आप होेने लगता है, जब आप हर पल बेचैनी-सी महसूस हो, सब कुछ होकर भी बहुत कुछ कमी-सी महसूस हो। आप खोए-खोए से रहने लगे हों, लोगों से मिलने-जुलने बातचीत करने में मन न लगता हो।जब आपको अपने आपसे बातें करने का मन करने लगे। उसका जिक्र होने पर आपको प्यार की खुषबू आने लगे।उसका नाम सुनते ही तन-बदन में खुषी की लहर दौड़ जाती हो। ऑंखे बंद करते ही ऑंखों के सामने वह आ जाए। जब हांेठ खामोष रहे बहुत कुछ कहने के लिए, अपनी जिंदगी की हर बात को उनसे जोड़ने लगे।
आपका दिल हमेषा उससे मिलने के लिए बेचैन रहने लगे। अपनी पसंद-नापसंद को ज्यादा एहमियत देने लगे। उसकी हर अदा पर हो जाएँ आप फिदा। आपका दिल उस पर मर मिटने को होने लगे। उसके जैसा कोई खूबसूरत न लगे, सारी दूलिया की लड़की-लड़के उसके सामने बदसूूरत और फीके लगने लगे। जब वह किसी लड़के। लड़की के साथ बात करें तो आपको ईर्ष्या होने लगे, उस लड़के। लड़की का गला घोंट देने की इच्छा होने लगे।
दोस्ती आत्मीयता भरी हो, तो प्यार होने में ज्यादा समय नहीं लगता। अक्सर यह भी देखने में आता है, कि कभी-कभी कोई आपको इस हद तक चाहने लगता है, कि किसी भी तरह से आपको पा लेगा चाहता है, पर परेषानी तब अधिक होती है, जब वह तो आपको चाहता है, लेकिन आज उसे न चाहते हों। कई बार यह भी होता है, कि आपका प्रेमी आपसे प्यार करता है, लेकिन कह नहीं पाता। आप भी उसे चाहती है, पर यह सोचती हैं, कि यदि पहल वह करे तो ज्यादा अच्छा होगा। ऐसे में ध्यान रखें कि कहीं प्यार का इज़हार करने में इतनी देर न हो जाए कि आपका साथी किसी और के साथ प्यार कर बैठे और आप सोचते रह जाऐं प्यार में जल्दबाजी भी ठीक नहीं होती, पहले साथी के बारे में भलीभॉंति जान लें, तभी प्यार का इज़हार करना चाहिये, नही ंतो बाद में पछताना पड़ सकता है। जब दो प्यार करने वाले आपस में बहुत प्यार करते है, लेकिन प्यार का इज़हार नहीं कर पाते। प्यार का इज़हार करने का साहस नहीं जुटा पाते, ऐसे दोस्तों के लिए वेलेंटाइन डें उन्हें साहस प्रदान करने का पर्व है। यह दिल से प्यार करने वालों का पर्व है, न कि जिस्मानी प्यार या एक दिन के प्यार का पर्व है, जो हर वर्ष इस दिन हर नये मित्र के साथ मनाते हैं। हर व्यक्ति की जिंदगी में जन्मदिन व शादी की वर्षगांठ का जिस प्रकार महत्व होता है, उसी प्रकार “वेलेंटाइन डे” भी दिल से महत्वता के साथ मनाना चाहिए।
अनिल कुमार शर्मा
98260 42215
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