शनिवार, 19 फ़रवरी 2011

एसएसपी प्रणाली का विस्तार प्रस्तावित, उज्जैन में भी एसएसपी पदस्थापना!

एसएसपी प्रणाली का विस्तार प्रस्तावित, उज्जैन में भी एसएसपी पदस्थापना!
इंदौर-भोपाल के बाद एसएसपी प्रणाली का विस्तार प्रस्तावित, उज्जैन में भी एसएसपी पदस्थापना!
- पुलिस मुख्यालय ने राज्य शासन को भेजा प्रस्ताव, जिलों में पदस्थ होंगे 5 एएसपी
उज्जैन, १९ फरवरी (डॉ. अरुण जैन)। राजधानी भोपाल और इंदौर में एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) सिस्टम से भले ही अपराधों में कमी न आई हो, लेकिन दूसरे बड़े शहरों में एसएसपी सिस्टम लागू करने की कवायद तेज हो गई है। इसमें उज्जैन भी शामिल है। पुलिस मुख्यालय ने उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में यह सिस्टम जल्द ही लागू करने का खाका तैयार कर लिया है। प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। केवल मंजूरी मिलने की देर है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के बड़े शहरों में आपराधिक घटनाओं में लगातार हो रही बढ़ोतरी को रोकने के इरादे से एसएसपी सिस्टम लागू करने का निर्णय किया गया है। शासन ने इंदौर और भोपाल में यह व्यवस्था लागू कर दी है। उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में यह व्यवस्था जल्द शुरू करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने कार्ययोजना तैयार कर ली है। इसके तहत इन जिलों में एसएसपी के अंडर में एसपी नहीं, बल्कि एएसपी स्तर के अधिकारी होंगे। खास बात यह है कि इन जिलों में एएसपी स्तर के अधिकारियों की संख्या अधिक होगी। पहले इन जिलों में एक या दो एएसपी ही हैं, लेकिन नई व्यवस्था के तहत हर जिले में पांच एएसपी होंगे। इन अफसरों को ही ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों का प्रभारी बनाने के साथ ही कानून-व्यवस्था संभालने और अपराधों की मानिटरिंग करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इन्हें भोपाल और इंदौर में पदस्थ दो-दो पुलिस अधीक्षकों की तर्ज पर कार्य करने का अधिकार दिया जाएगा, ताकि वह अपने स्तर से हर मामलों में कार्रवाई कर सकें। बताया जाता है कि पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। महकमे से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी मिलने के आसार हैं, क्योंकि इस व्यवस्था से अपराधिक घटनाओं को रोकने और अपराधियों को पकडऩे में काफी मदद मिलेगी। इस खाके में केवल इतना परिवर्तन होगा कि इन जिलों में एसपी के बदले एसएसपी की नियुक्ति की जाएगी।
शुरुआत में उज्जैन का योगदान
प्रदेश में एसएसपी प्रणाली की शुरुआत सबसे पहले इंदौर में डीआईजी स्तर के अधिकारी की पदस्थापना के साथ की गई थी, किंतु उज्जैन का इसमें योगदान रहा है। तत्कालीन डीआईजी सीए विपिन माहेश्वरी उज्जैन डीआईजी थे और 20 जून 2009 को इंदौर एसएसपी पदस्थ किए गए थे। हालाँकि कुछ ही महीनों बाद उनकी पदोन्नाति आईजी रैंक में होने से तबादला भोपाल कर दिया गया था। एसएसपी प्रणाली पुलिस आयुक्त प्रणाली की दिशा में बढ़ता कदम है। पुलिस आयुक्त प्रणाली के तहत संभागीय मुख्यालय वाले जिलों में आईजी रैंक के पुलिस आयुक्त पदस्थ किए जाएँगे। वहाँ कलेक्टर विकास कार्य की जिम्मेदारी संभालेंगे और कानून और व्यवस्था पूरी तरह से पुलिस आयुक्त के हाथ में होगी। वर्तमान प्रणाली के तहत कलेक्टर जिला दंडाधिकारी के रूप में कानून और व्यवस्था का दायित्व का भी निर्वहन करते हैं। नतीजतन उनकी राजस्व तथा विकास ड्यूटी प्रभावित होती है। प्रदेश में आईएएस लॉबी द्वारा पुलिस आयुक्त प्रणाली का विरोध लंबे समय से किया जा रहा है, किंतु बीच-बीच में यह प्रणाली लागू करने की चर्चा उठा करती है। एसएसपी प्रणाली पुलिस आयुक्त प्रणाली की दिशा में एक कदम है। एसएसपी प्रणाली की शुरुआत उत्तर प्रदेश 12 जिलों में हुई और बाद में मप्र में इसे लागू किया गया। कारण एसपी का पर्याप्त अधिकारों और शक्तियों से सुसज्जित नहीं होना है। एसपी को टीआई की निंदा का अधिकार है। डीआईजी रैंक के अधिकारी एसएसपी बनने से पर्याप्त शक्तियों से सुसज्जित होंगे और इसका प्रभाव कानून और व्यवस्था पर दिखेगा।
Date: 19-02-2011

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