गुरुवार, 10 फ़रवरी 2011

विवाद की छाया में शुरू हुआ सामाजिक कुंभ

विवाद की छाया में शुरू हुआ सामाजिक कुंभ
मंडला 11 फरवरी 2011। मध्य प्रदेश के मंडला जिले में नर्मदा नदी के तट पर गुरुवार से शुरू हुए तीन दिवसीय नर्मदा सामाजिक कुंभ पर विवादों की छाया साफ नजर आ रही है। आयोजक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तक इसे सामाजिक समरसता का प्रतीक करार दिया है, वहीं कांग्रेस व इसाई संगठन ने इस आयोजन के जरिए धर्मांतरण की आशंका जताई है।
नर्मदा जयंती पर शुरू हुए इस सामाजिक कुंभ के मंच पर संघ के पदाधिकारियों से लेकर भाजपा के नेताओं और साधु-संत का जमावड़ा था। धार्मिक उपदेश के बीच तमाम वक्ताओं ने देशभक्ति की परिभाषा बताई और धर्म का पाठ पढ़ाया।
इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस कुंभ से जो अमृत निकलेगा, वह सामाजिक समरसता को और प्रगाढ़ करेगा। नर्मदा नदी दुनिया की एक मात्र ऐसी नदी है जिसकी लोग परिक्रमा करते हैं, क्योंकि यह लोगों की आस्था का केंद्र है।
चौहान ने विरोधियों पर प्रहार करते हुए कहा कि देश भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से जूझ रहा है, मगर विरोधियों को इस समस्या से ज्यादा चिंता सामाजिक कुंभ की हो रही है। उन्होंने अपनी सरकार को जनजातीय हितैषी बताया और कहा कि उनकी सरकार को जनजातीय वर्ग की चिंता है और वह उनकी विरासत को सहेजना चाहती है, इसीलिए इस वर्ग के लिए विशेष कार्य किए जा रहे हैं।
संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने हर धर्म को श्रेष्ठ बताया और कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को संकल्प लेना चाहिए कि वह भारत माता का पुत्र बनकर देशसेवा का कार्य करेगा। उन्होंने भेदभाव डालने की नीति से खुद को बचाकर रखने का आह्वान किया। विश्व हिंदू परिषद के प्रवीण तोगड़िया ने जनजातीय वर्ग से धर्मांतरण कर इसाई धर्म अपनाने वालों को आरक्षण का लाभ न दिए जाने की मांग उठाई। साथ ही उन्होंने इसके लिए एक कानून बनाने की भी पैरवी की।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी ने मंडला के सामाजिक कुंभ को धर्म स्वतंत्रता कानून के खिलाफ बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम और राज्यपाल रामेश्वर ठाकुर को पत्र भी लिखा है। उन्होंने कहा कि इस कुंभ के जरिए अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।
ईसाई समाज के प्रवक्ता आनंद मुटुंग ने इस आयोजन के जरिए धर्मांतरण की आशंका जताई है। उनका कहना है कि इसके लिए कुछ लोगों पर दबाव भी डाला जा रहा है।

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