सोमवार, 7 फ़रवरी 2011

शराब के खिलाफ आदिवासी महिलाऔ का हल्लाबौल

शराब के खिलाफ आदिवासी महिलाऔ का हल्लाबौल
इंदौर 06 फरवरी 2011। मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल गांव तालनपुर में आधी आबादी की हुंकार के चलते शराब के खिलाफ एक क्रांति जन्म ले चुकी है। शराब घरेलू हिंसा और गरीबी की बड़ी वजह मानने वाली गांव की आदिवासी महिलाएं अब लामबंद हो गयी हैं। उन्होनें अंगूर की बेटी पर आज छह फरवरी से पूरी पाबंदी लगाते हुए शराबियों को साफ चेतावनी दे दी है कि उन्हें अगर गांव में सम्मान से रहना है तो शराब से तौबा करनी होगी। तालनपुर यहां से करीब 180 किलोमीटर दूर है और उसकी आबादी करीब तीन हजार है। गांव में शराबखौरी के खिलाफ गठित आदिवासी समुदाय की महिला समिति की प्रमुख है 30 साल की पूनीबाई। इस शराब विरोधी दस्ते में करीब 100 महिलाएं हैं। महिला समिति का घोषणा पत्र एकदम स्पष्ट है, गांव में छह फरवरी से शराब न तो बिकेगी, न ही दिखेगी। जो व्यक्ति शराब पीता पकड़ा जायेगा, उस पर 1,100 रूपयो का जुर्माना लगाया जायेगा, जबकि शराब बेचने वाले को 2,100 रूपयो का जुर्माना चुकाना होगा। शराबखोरी की सही सूचना देने वाला शख्स 151 रूपयो के नकद पुरस्कार का हकदार होगा।
वहां की महिलाएं कहती है कि शराब की वजह से गांव की महिलाएं न जाने कितने बरसों से परेशानियां झेल रही हैं। शराब के नशे में धुत पुरुष महिलाओं, खासकर अपनी पत्नियौ से गाली, गलोज, झगड़ा औशर मारपीट करते हैं। उन्होनें बताया, पिछले दिनों गांव की महिलाएं इकट्ठी हुईं और तय किया कि अब हम यह सब सहन नहीं कर सकतीं। महिला समिति की छेड़ी शराबबंदी मुहिम को गांव के बड़े, बुजुगरगों और युवाओं का भी समर्थन हासिल है। तालनपुर धार जिले के कुक्षी विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है, जहां 14 फरवरी को उपचुनाव होना है। यह सीट आदिवासी समुदाय की वरिष्ठ कांग्रेस नेता और प्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष की नेता जमुनादेवी के निधन से खाली हुई है। यहां यह भी तय हुआ है की चुनाव के दौरान कोई शराब का वितरण नहीं होगा।
Date: 06-02-2011 Time: 17:51:38

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