मंगलवार, 1 फ़रवरी 2011

आत्म हत्याओं को लेकर राजनीति कतई नहीं होना चाहिए।


भोपाल 1 फरवरी 2011। मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा है कि किसानों की आत्म हत्याओं को लेकर राजनीति कतई नहीं होना चाहिए। इन्हें रोकने के लिए यह जरूरी है कि भाजपा और कांग्रेस जैसे दल भी इस मुद्दे पर मिलकर काम करें। वे खुद इस बारे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात करेंगी।
सुश्री भारती ने यह बात आज गांधी भवन में किसान संघर्ष मोर्चा और जागो हिंद संगठन द्वारा किसानों की स्थिति पर आयोजित सेमीनार में कही। प्रदेश में किसानों की आत्महत्याओं पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह सिलसिला रोकने के लिए तात्कालिक और दीर्घकालीन दोनों ही तरह के उपाए करने होंगे।
उमा ने कहा कि गांवों में मौजूद अमले को वहां की सारी स्थिति की जानकारी होती है। जरूरी है कि उससे संवाद किया जाए। राजनैतिक मतभेद भुलाकर विभिन्न दलों के कार्यकर्ता भी इस काम में सहयोग करें। उस आधार पर सरकार ठोस कदम उठाए। ताकि गरीब किसान संकट से उबर पाए। मौजूदा संकट के कारणों की पड़ताल करते हुए उमा ने कहा कि आजादी के बाद भी कृषि को प्राथमिकता नहीं दी गई बल्कि इसकी उपेक्षा हुई। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने उद्योग को महारानी और खेती को नौकरानी समझा। इसका परिणाम तब समझ में आया, जब उद्योगों की बदौलत देश पर भारी कर्ज हो गया। बाद में हरित क्रांति और श्वेत क्रांति जैसे नारे दिए गए। लेकिन यह यादा कारगर नहीं हुए, यही कारण है कि संकट बढ़ा और विदर्भ और तेलंगाना में विकट स्थितियां पैदा हुई। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को विदर्भ बनने से रोका जा सकता है। इसके लिए मिलकर प्रयास करने होंगे।
उन्होंने कहा कि खेती और किसानों की भलाई के लिए यह जरूरी है कि गौ वंश की रक्षा की जाए, उसे बढ़ाने के लिए काम हो। उन्होंने घोषणा की कि वे सीहोर जिले के ब्रजेश नगर से जल्द ही एक अभियान शुरू करेगी।
Date: 01-02-2011

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