शनिवार, 22 जनवरी 2011

उर्दू का सबसे बड़ा दुश्मन पाकिस्तान


उर्दू का सबसे बड़ा दुश्मन पाकिस्तान
भोपाल 22 जनवरी 2011। माखनलाल चतुर्वेदी संस्थान में एकत्रित हुए उर्दू के साहित्यकार और विद्वानों ने उर्दू पत्रकारिता चुर्नातियां और अपेक्षाएं विषय पर अपने विचार प्रकट किये।
सेमीनार में मुख्य वक्ता के रूप में पधारे हैदराबाद के सियासत अखबार के संपादक अमीर अली खान ने पाकिस्तान को उर्दू की प्रगति में सबसे बड़ा दुश्मन बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने उर्दू तो राष्ट्रीय भाषा का दर्जा तो दिया किंतु वहां आज भी पंजाबी भाषा का उपयोग उर्दू से ज्यादा होता है। उर्दू की इस उपेक्षा ने उसे आगे बढ़ने से रोका। संगोष्ठी में दिल्ली सेकुलर कयादत अखबार के संपादक कारी मोहम्मद मियां अजहरी ने उर्दू को गंगा-जमुनी तहजीब का हिमायती बताया। उन्होंने कहा कि हमें नहीं भूलना चाहिये कि आजादी का नारा इंकलाब जिंदाबाद उर्दू जुबान में था। कार्यशाला में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति बृजकिशोर कुठियाला ने स्वागत भाषण दिया और शब्द को ब्रम्ह बताया लेकिन ब्रम्ह आजकल भ्रम में तब्दील हो गया है जिसको वापस मूल स्वरूप में लाना होगा।
सेमीनार में देशभर के उर्दू के साहित्यकार, पत्रकार व शोध में लगे शोधार्थियों ने भाग लिया, जिसमें पूर्व सांसद आरिफ बेग, वरिष्ठ आलोचक डा. विजयबहादुर सिंह, सहारा उर्दू रोजनामा नई दिल्ली के असद रजा, शाकिर नूर आकाशवाणी भोपाल, सुश्री फिरदौर खान संपादक स्टार न्यूज एजेंसी हिसार, मासूम मुरादाबादी, जहीद खबर नई दिल्ली, तहसीम मुनव्वर नई दिल्ली, सुश्री गरजिए, अनीफ बरकतउल्लीह विश्वविद्यालय भोपाल थे। संचालन अजय जोशी ने किया।

Date: 22-01-2011

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