राशि के दुरुपयोग पर होगी जाँच
- मामला 11वीं पंचवर्षीय योजना का
उज्जैन, २९ जनवरी (डॉ. अरुण जैन)। विक्रम विवि में 11वीं पंचवर्षीय योजना की राशि के दुर्विनियोग के संबंध में जॉंच होगी। इसके लिए राजभवन द्वारा विवि को पत्र लिखा गया था। प्रतिवेदन कार्य परिषद की अगली बैठक में प्रस्तुत होगा। विक्रम विवि के पूर्व कुलपति डॉ. एसपीएस अहलावत द्वारा विवि अधिनियम का उल्लंघन कर 11वीं पंचवर्षीय योजना की राशि का दुर्विनियोग किया गया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह मामला राजभवन की जानकारी में लाया गया है। इसके बाद राज्यपाल के अवर सचिव डॉ. जीके सारस्वत ने एक पत्र विवि को लिखते हुए मामले की जानकारी के साथ कार्रवाई से अवगत कराने को कहा है। विवि ने यह पत्र कार्य परिषद की बैठक में प्रस्तुत किया, जिस पर निर्णय लिया गया कि प्रकरण की जॉंच कर प्रतिवेदन आगामी कार्य परिषद की बैठक में विचार हेतु रखा जाएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा 11वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय में 28 पद सृजन करने का अनुमोदन करते हुए राशि आवंटित कर दी थी। यह राशि पदों के लिए पाँच साल के वेतन की थी। आवंटित राशि का उपयोग अन्य कार्यों में कर दिया है। 11वीं पंचवर्षीय योजना में 28 पद का अनुमोदन प्राप्त करने में विश्वविद्यालय को काफी पापड़ बेलने पड़े थे। पदों की पाँच साल के वेतन की राशि जारी होने के बाद विश्वविद्यालय को राज्य शासन से इसकी स्वीकृति लेनी थी। पूर्व अधिकारियों ने पदों की आवश्यकता नहीं बताते हुए एक बड़ी राशि को अन्य कार्य में खर्च कर दिया है। इसकी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से अनुमति भी नहीं ली। राशि उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी नहीं होने से आयोग ने भी इन पदों को समाप्त मान लिया है। सूत्रों का कहना है कि पदों के लेप्स और राशि का अन्य कार्य में उपयोग गंभीर अनियमितता की श्रेणी में आता है।
Date: 29-01-2011
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