हथाईखेड़ा रिसर्च लेबोरेटरी को आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया जायेगा
15 मीटर से अधिक ऊँचे जलाशय तकनीकी रूप से अब अधिक सुरक्षित होंगे
भोपाल 7 जनवरी 2011। हथाईखेड़ा भोपाल स्थित जल संसाधन विभाग की रिसर्च लोबोरेटरी को आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया जायेगा। इसमें ऐसे उपकरण स्थापित किये जायेंगे जो अल्प समय में सही परिणाम देते हैं। इसके साथ ही 15 मीटर से अधिक ऊँचाई वाले जलाशयों को तकनीकी रूप से और अधिक सुरक्षित बनाया जायेगा। यह निर्णय मंगलवार को मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में लिया गया। यह बैठक मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश और सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री श्री कन्हैयालाल अग्रवाल की पहल पर आयोजित की गई थी।
मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) श्री जी.पी. बाथम की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में श्री एम.जी. चौबे, प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग, श्री पी.एन. नायक, प्रमुख अभियंता बोधी सहित सी.टी.ई. एवं संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में लिये गये निर्णयों से बांधों एवं नहरों के निर्माण में सुदृढ़ता एवं रख-रखाव में आसानी होगी।
बैठक में निर्णय लिया गया कि पन्द्रह मीटर से अधिक ऊँचाई के बांधों में बांध सुरक्षा एवं निरीक्षण की सुरक्षा की दृष्टि से टापबैंक में अपस्ट्रीम एवं डाउन स्ट्रीम स्लोप पर, पैराफिट वाल बनाने से बांध के दोनों ओर के स्लोप की कटाव से सुरक्षा रहेगी। इसके साथ ही निरीक्षण वाहन के आवागमन की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। एक क्यूसेक से अधिक जल प्रवाह क्षमता वाली नहरों के आउटर स्लोप की टाप सरफेस में निर्धारित आकार की पी.सी.सी. ब्लाक्स की स्टोन एजिंग का प्रावधान रखा जाकर कार्य का सम्पादन कराया जाने से ऐसी नहरें अधिक सुरक्षित रहेंगी। नहरों की अपस्ट्रीम स्लोप की टाप सरफेस में पूर्वानुसार डावला का निर्माण कराया जायेगा।
इसके अलावा तीन मीटर से कम ऊँचाई की नहरों की वाटरिंग/काम्पेक्शन कराये जाने के संबंध में प्रदेश के समस्त मुख्य अभियंताओं से एक माह की समयावधि में सुझाव प्राप्त कर गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जायेगा। उपरोक्त बिन्दुओं पर प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग एवं मुख्य अभियंता बोधी द्वारा आवश्यक कार्यवाही शीघ्र की जायेगी।
Date: 07-01-2011
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