गुरुवार, 27 जनवरी 2011
सोनावणे हत्या के विरोध में उतरे राजपत्रित कर्मचारी
मुंबई। महाराष्ट्र में अतिरिक्त जिला कलक्टर यशवंत सोनावणे की तेल माफिया के सदस्यों द्वारा की गई हत्या का विरोध करते हुए 80 हजार से अधिक राजपत्रित अधिकारियों ने गुरुवार को काम धीमा कर दिया।
महाराष्ट्र राजपत्रित अधिकारी महासंघ के अध्यक्ष रविंद्र धोंगड़े ने कहा कि हमने विरोध या हड़ताल की घोषणा नहीं की है बल्कि हम इस वीभत्स घटना के प्रति अपना विरोध जताने के लिए काम करने की गति को धीमा कर दिया है। इस घटना ने सरकारी कर्मचारियों को हिलाकर रख दिया है। इस बीच विपक्षी शिवसेना ने नासिक जिले के मनमाड में सोनावणे की हत्या के विरोध में बंद का आह्वान किया है।
धोंगडे़ ने कहा कि हमने अपने सहयोगियों से कहा है कि वे काम को धीमा करें। हम इस हत्या का विरोध करने के लिए रैली और मोर्चा संगठित कर रहे हैं। हमारे साथी जिला कलेक्टर और क्षेत्रीय आयुक्तों से मिलेंगे और इस हत्या के खिलाफ ज्ञापन सौंपेंगे।
धोंगड़े ने कहा कि मंत्रालय में सरकारी कर्मचारी एक विरोध बैठक आयोजित करेंगे। धोंगडे ने कहा कि अधिकारी इस हत्या से हिल गए हैं और निचले दर्जे के कर्मचारी भी विरोध में हिस्सा लेंगे। धोंगडे ने कहा कि विरोध मार्च पूरे राज्य में आयोजित किया जाएगा। कर्मचारी अपनी उपस्थिति दर्ज करने के तुरंत बाद ही इसमें शामिल हो जाएंगे। महासंघ राज्य में राजपत्रित अधिकारियों की प्रतिनिधि है। उन्होंने कहा कि हमने बुधवार को मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से मुलाकात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस घटना की व्यापक जांच की जाएगी। धोंगडे़ ने कहा कि राज्य कर्मचारियों पर हुए ऐसे किसी भी हमले को सहन नहीं किया जाएगा।
गौरतलब है कि अतिरिक्त जिला कलेक्टर यशवंत सोनावणे को स्थानीय तेल माफिया के संदिग्ध सदस्यों ने जलाकर मार डाला था।
इससे पहले पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में पोपट दत्तू शिंदे भी शामिल है जिसे हत्या का मुख्य अभियुक्त माना जा रहा है। इसके अलावा शिंदे के साले सीताराम बालेराव और सहायक राजू शिरसत, काचरू सुरोद, विकास शिंदे, दीपक बोरास, तौसिफ शेख और अल्ताफ शेख को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों को आठ फरवरी तक पुलिस हिरासत में रखा जाएगा। हत्या का एक और आरोपी और शिंदे का पुत्र कुणाल फरार है। शिंदे पर इससे पहले भी आपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं।
उधर, भाजपा ने कथित तेल माफिया द्वारा नासिक के पास एक अतिरिक्त जिलाधिकारी को जिंदा जला दिए जाने की घटना पर अफसोस जताया और 'राजनेताओं तथा नौकरशाहों के गठजोड़' का पर्दाफाश करने के लिए सीबीआई जांच की मांग की।
भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने यहां कहा कि यह कायराना हरकत है। यह दुखद है और हम इसकी निंदा करते हैं। तेल माफिया ने ऐसा करने की जुर्रत की क्योंकि उन्हें नौकरशाहों और सत्तारूढ़ राजनेताओं से संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने घटना की सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग करते हुए कहा कि यह रैकेट करोड़ों रुपये का है और प्रभावशाली लोगों के संरक्षण के बिना नहीं पनप सकता।
जावडेकर ने कहा कि केंद्र को किरासन वितरण के लिए कूपन पद्धति की शुरूआत करनी चाहिए अन्यथा माफिया को फलने का मौका मिलेगा।
साथ ही, सोनावणे को जिंदा जलाकर मार देने की घटना के बाद सोनावणे के एक करीबी रिश्तेदार ने हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। सोनावणे के रिश्तेदार आनंद दानी ने कहा कि जब यह दुर्घटना हुई तो सोनावणे के निजी सहायक और चालक घटनास्थल पर मौजूद थे। यह आश्चर्यजनक है कि सिर्फ उन्हें ही निशाना बनाया गया। सोनावणे के मोबाइल फोन रिकॉर्ड की जांच की जानी चाहिए और इस मामले को सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए।
भारतीय रिपब्लिकन पार्टी के नेता और पूर्व सांसद प्रकाश अंबेडकर ने भी इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की
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