गुरुवार, 6 जनवरी 2011

कान्हा-पेंच गलियारे से बाघों को खतरा, नोटिस जारी

कान्हा-पेंच गलियारे से बाघों को खतरा, नोटिस जारी
जबलपुर, 6 जनवरी 2011। मध्य प्रदेश के कान्हा-पेंच गलियारे को बाघों के लिए खतरनाक बताने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर उच्च न्यायालय ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और राज्य सरकार के वन विभाग सहित नौ पक्षों को नोटिस जारी किए हैं।
सिवनी निवासी संजय तिवारी सहित अन्य लोगों द्वारा उच्च न्यायालय में दायर की गई जनहित याचिका में कान्हा-पेंच गलियारे के औचित्य पर ही सवाल उठाते हुए इसे बाघों के लिए खतरा बताया गया है। याचिका में कहा गया है कि गलियारे की लम्बाई 86 किलोमीटर है वहीं चौड़ाई चार से पांच किलोमीटर ही है, जो अव्यवहारिक है।
याचिका के मुताबिक यह गलियारा मंडला, बालाघाट, सिवनी व छिंदवाड़ा जिले की सीमा से होकर गुजरता है। गलियारा क्षेत्र में आवासीय बस्तियां है, इस वजह से बाघ आवासीय बस्ती में पहुंच जाते हैं जहां ग्रामीण जान का खतरा देख उन्हें मार तक देते हैं। इतना ही नहीं जंगल का घनत्व कम होने के कारण बाघ शिकारियों का शिकार भी बन जाते हैं।
याचिका में बताया गया है कि इस गलियारे से राष्ट्रीय राजमार्ग तथा रेल मार्ग भी निकलता है जो बाघों के लिए खतरनाक हैं। इस याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एस. आर. आलम व न्यायाधीश आर. एस. झा की संयुक्त पीठ ने तमाम जिम्मेदार लोगों को नोटिस जारी किए हैं।

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