शनिवार, 29 जनवरी 2011

प्रदेश को वर्ष 2013 तक पांच हजार मेगावॉट अतिरिक्त बिजली उपलब्ध होगी

प्रदेश को वर्ष 2013 तक पांच हजार मेगावॉट अतिरिक्त बिजली उपलब्ध होगी
विद्युत के पारेषण के लिये नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण का कार्य युद्ध स्तर पर
भोपाल 29 जनवरी 2011। प्रदेश में वर्ष 2013 तक करीब पांच हजार मेगावॉट बिजली अतिरिक्त रूप से उपलब्ध होगी। इसके पारेषण के लिये नेटवर्क के विस्तारीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के कार्यों को युद्धस्तर पर सम्पादित करने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई गई है। मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कम्पनी लिमिटेड के सिस्टम के विस्तारीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के लिये पॉवर फायनेंस कार्पोरेशन से एक हजार 123 करोड़ रुपये तथा जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी से एक हजार 40 करोड़ रुपये राशि के ऋण से विभिन्न कार्यों को युद्धस्तर पर सम्पादित किया जायेगा।
मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कम्पनी लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्री आर.के. वर्मा ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि इसके तहत मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कम्पनी लिमिटेड द्वारा अगले 30 माह के अंदर 400 के.व्ही. सब स्टेशन, 1800 सर्किट किलोमीटर 400 के.व्ही. की लाइनें, पेंतीस 132 के.व्ही. के सब स्टेशन, दस 220 के.व्ही. के सब स्टेशन, करीब पांच हजार किलोमीटर की ट्रांसमिशन लाइनें एवं 28 सब स्टेशनों की क्षमता में वृद्धि का वृहद कार्यक्रम बनाया गया है। इससे प्रणाली की उपलब्धता लगभग चार हजार मेगावॉट और बढ़ जायेगी।
पॉवर ट्रांसमिशन कम्पनी द्वारा पिछले वर्ष कटनी में 400 के.व्ही. सब स्टेशन का निर्माण किया गया है। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि प्रदेश के इतिहास में नया 400 के.व्ही. सब स्टेशन लगभग 16 वर्षों के उपरांत निर्मित हुआ। इसके अलावा पांच 220 के.व्ही. एवं दस 132 के.व्ही. के नये उपकेन्द्रों का निर्माण भी किया गया है। 22 उपकेन्द्रों में कम्पनी द्वारा ट्रांसफार्मर की क्षमता में वृद्धि की गई तथा सात उपकेन्द्रों का काम पूर्णता की ओर है। कम्पनी द्वारा पिछले वर्ष कुल 2250 एमवीए की क्षमता वृद्धि की गई, जबकि 1950 किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनों का निर्माण कार्य किया गया। यह प्रगति पिछले वर्षों की तुलना में उत्कृष्ट है, क्योंकि पूर्व के वर्षों की तुलना में वर्तमान वित्तीय वर्ष में करीब 35 प्रतिशत काम ज्यादा हुआ है।
इसी प्रकार मार्च, 2010 में पॉवर ट्रांसमिशन कम्पनी की पारेषण क्षमता विद्युत नियामक आयोग के निर्देशानुसार 8500 मेगावॉट हो गई थी, जो जनवरी, 2011 में अब तक लगभग 300 मेगावॉट और बढ़ चुकी है। इस वर्ष प्रदेश में विद्युत की मांग करीब 8800 मेगावॉट के स्तर पर पहुंच चुकी है। प्रदेश की पारेषण क्षमता इसके अनुरूप ही रही है।
कम्पनी द्वारा ऊर्जा संरक्षण एवं ईएचव्ही सब स्टेशनों के उन्नयनीकरण तथा आधुनिकीकरण को अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान दिया जा रहा है ताकि ऊर्जा संरक्षण को मूर्त रूप में क्रियान्वित कर पॉवर सेक्टर में उपभोक्ताओं को प्राप्त होने वाली बिजली की कीमत में पर्याप्त कमी लाई जा सके, जो आज के समय की मांग भी है।
Date: 29-01-2011 Time: 13:20:49

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