मध्यप्रदेश के इंदौरके एक हुक्का पार्लर में काम करने वाले 19 वर्षीय युवक की कथित रूप से मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने नौजवानों के इन पसंदीदा अड्डों पर अपनी निगाहें टेढ़ी कर ली हैं।
युवाओं को धूम्रपान की मुगलिया रिवायत की याद दिलाने वाले हुक्का पार्लरों पर विभाग ने छापामार कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं गैर सरकारी संगठनों की माँग है कि प्रदेश सरकार को हुक्का पार्लरों के संचालन के बारे में जल्द से जल्द स्पष्ट दिशा-निर्देश घोषित किए जाने चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि विभाग के एक दल ने शहर के चार हुक्का पार्लरों पर छापा मारा और वहाँ से हुक्के में इस्तेमाल होने वाली सामग्री के नमूने लिए।
सूत्रों के मुताबिक इन नमूनों को जांच के लिये सरकारी प्रयोगशाला भेजा गया है, ताकि इनमें निकोटिन के स्तर और किसी नशीले पदार्थ की संदिग्ध मौजूदगी के बारे में पता लगाया जा सके।
सूत्रों ने बताया कि हुक्का पार्लरों के बारे में विस्तृत जाँच की जा रही है और जरूरत होगी तो इनके संचालकों के खिलाफ संबद्ध धाराओं में मामले दर्ज कराए जाएँगे।
शहर के एक हुक्का पार्लर में काम करने वाले राकेश सावले की चार दिन पहले मौत हो गई थी। वह लंबे समय से हुक्का पार्लर में काम कर रहा था और सुगंधित धुएँ के सतत संपर्क में रहने के कारण उसके फेफड़े खराब हो गए थे।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी किस्म के धूम्रपान से फेफड़ों और धमनियों को नुकसान पहुँचता है, जिससे कई बीमारियाँ होने की आशंका रहती है। (
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