बुधवार, 29 दिसंबर 2010
गुर्जर आंदोलनः दिल्ली जयपुर रेलमार्ग खुला
दौसा में पटरियों से उठे गुर्जर
भरतपुर. दौसा. जयपुर. नई दिल्ली । जयपुर बांदीकुई रेलमार्ग के मानोता रेलवे फाटक पर छह दिन से जमे गुर्जर आंदोलनाकरियों ने बुधवार को पटरियां खाली कर दीं। बुधवार दोपहर दो बजे पुलिस और प्रशासन की समझाइश के बाद गुर्जर आंदोलनकारी पटरियों से खड़े हो गए। ठीक साढ़े तीन बजे ट्रेक एकदम खाली कर दिया गया। अधिकारियों के अनुसार अगले पांच घंटे में यहां से रेल सेवा वापिस बहाल कर दी जाएगी।
इधर, पिछले 10 दिन से पटरियों पर बैठे गुर्जर नेता बैसला सरकार से वार्ता करने के लिए 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भेजने के लिए तैयार हो गए हैं। बयाना में नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव जी एस संधु से यह प्रतिनिधिमंडल बात करेगा। संंधु सहित तीन प्रमुख सचिव यहां पर गुर्जरों से वार्ता करने के लिए बयाना में डटे हैं।
पीलूकापुरा में अभी गुर्जर नेताओं व समाज के लोगों के बीच बात चल रही है और उसमें इन 11 लोगों के नाम तय किए जाएंगे। इधर, पटरियों पर बैठे गुर्जर नेताओं ने सरकार द्वारा आंदोलनकारियों की जासूसी कराए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है।
सरकारी नौकरियों में 5 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में आंदोलन कर रहे गुर्जर दिल्ली पहुंच रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर में गुर्जरों के प्रदर्शन के चलते ट्रैफिक पर असर पड़ रहा है। ग्रेटर नोएडा में परी चौक पर दो सौ से ज़्यादा गुर्जरों ने प्रदर्शन किया, जिसके चलते ट्रैफिक पर असर पड़ा है। फरीदाबाद में आज गुर्जरों की महापंचायत हो रही है जिसमें आगे के आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी। गुर्जरों ने धमकी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में यातायात और आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई ठप कर देंगे।
धरने पर बैठे गुर्जरों में फूट की भी खबरें हैं। आंदोलनकारियों का कहना है कि सरकारी नौकरियों में पांच फीसदी आरक्षण मिले बिना वह पटरी से नहीं उठेंगे लेकिन गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैसला के सहयोगी डॉ. रूप सिंह ने यह भी साफ कर दिया है कि उनके नेता आंदोलन से जुड़ा कोई भी एकतरफा फैसला नहीं लेंगे।
गुर्जर आंदोलन का असर राजस्थान के पर्यटन उद्योग पर भी पड़ रहा है। विरोध प्रदर्शनों के अलावा कोहरे के कोहराम के चलते कई सैलानियों ने राज्य के होटलों की बुकिंग कैंसिल करा ली है। गुलाबी शहर के तौर पर मशहूर जयपुर में नए साल में बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं लेकिन इस बार यहां पिछले साल की तरह भीड़ नहीं दिखाई दे रही है।
हालांकि राजस्थान में गुर्जर समुदाय का आंदोलन जारी है। राज्य में रेल और बस सेवाएं सामान्य नहीं हो पाई है। अपनी मांगों को लेकर पिछले दस दिनों से भरतपुर के पीलूपुरा में रेल की पटरियों पर बैठे गुर्जर फरीदाबाद, कापसहेड़ा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के रास्ते राष्ट्रीय राजधानी में पहुंचने लगे हैं। प्रदर्शनकारी संसद भवन के नजदीक जंतर-मंतर पर महासभा और धरना-प्रदर्शन करेंगे।
गुर्जरों की महापंचायत के चलते दिल्ली के बॉर्डर पर जाम लगने के आसार हैं। गुड़गांव और रेवाड़ी में यातायात बेहद धीमा हो गया है। दिल्ली-जयपुर नेशनल हाइवे 8 पर अजमेर में जबरदस्त जाम लगा हुआ है।
इस बीच, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस बयान के बाद राजनीति गरमाने लगी है कि गुर्जर आंदोलन की साजिश भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के बेटे की शादी में रचा गई थी। उन्होंने कहा, 'गुर्जर आंदोलनकारियों की कोई मांग तो है नहीं, उनके दो गुट हैं और गलतफहमी में ट्रैक पर बैठ गए हैं। हाईकोर्ट के फैसले में सरकार कुछ कर नहीं सकती, उसे छोड़कर उनकी तमाम मांगें हमें मंजूर हैं।'
1 % वास्तविक, 4 % काल्पनिक
सरकार ने गुर्जर आंदोलनकारियों को साफ तौर पर संदेश दिया है कि भर्तियां नहीं रोकी जाएंगी। इन एक लाख नौकरियों में विशेष पिछड़ा वर्ग को 1 फीसदी आरक्षण तत्काल दे दिया जाएगा। हालांकि कोर्ट के निर्णय के बाद इस 1 प्रतिशत की भी गारंटी लेने को कोई विशेषज्ञ तैयार नहीं। सरकारी फैसले के अनुसार 4 प्रतिशत कोटा अलग से रखा जाएगा, जिसे विशेष पिछड़ा वर्ग (केवल 4 जातियों) से तब भरा जाएगा, जब निर्धारित प्रक्रिया के बाद इनका 4 प्रतिशत आरक्षण लागू हो जाएगा। इसके लिए विशेष भर्ती अभियान चलाया जाएगा।
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