तख्त बदल दो ताज बदल दो
बेईमानों का राज बदल दो
भोपाल, 4 दिसम्बर (मप्र ब्यूरो)। `तख्त बदल दो ताज बदल दो, बेईमानों का राज बदल दो´ कहां गया यह नारा देने वाला। अब वक्त आ गया है बेईमानों का साथ देकर बेईमानों का साथ देने वालों को बेनकाब करो। देश की वर्तमान हालत बेईमानों से पटी है। भ्रष्टाचार की बात करने वाले स्वयं भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
भ्रष्टाचार के विरुद्ध फोरम बनाने वाले विरोध करने के साथ उन्हीं भ्रष्टाचारियों में शामिल हो गए हैं। प्रदेश में शिवराज सरकार के कसीदे काढ़ने व तीसरी पारी के मिशन को लेकर भाजपा ने मुख्यमन्त्री व कार्यकर्ताओं का गौरव दिवस मनाया।
जनसंघ व भाजपा के शीर्ष नेता लाल—ष्ण आडवाणी के परामर्श को प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमन्त्री ने गम्भीरता से नहीं लिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भ्रष्टाचार की शुरुआत जो निचले स्तर से होती है वहां से इसके खिलाफ कार्यवाही कर आम लोगों की कठिनाइयों को दूर करने में मदद करे, इसका जनता पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।
किन्तु अति उत्साहित मुख्यमन्त्री शिवराज ने आडवाणी की बात को गम्भीरता से नहीं लिया है। मुख्यमन्त्री शिवराज के पास चापलूसों की जमात है। प्रदेश के नौकरशाह भी उनकी बात नहीं मान रहे हैं। सूचना के अधिकार की धिायां उड़ाई जा रही हैं। कानून सुरक्षा व्यवस्था पर लगाम नहीं है।
तख्त बदल दो ताज बदल दो, बेईमानों का राज बदल दो। पूरा तन्त्र बेईमानी में लिप्त है तो आखिर किसको बदलोगे, वाह रे दुर्भाग्य इस भारत का। कहां गए वह लोग जिनके लिए इतिहास गवाह है। अब इन बेईमानों के लिये इतिहास गवाह बनेगा।
आर.एस. अग्रवाल
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लोकवार्ता इंटरनेट समाचार सेवा
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