कांग्रेस शासनकाल में बांटे 714 करोड़ वसूलेंगे - शिवराजसिंह चौहान
उज्जैन, 27 दिसंबर 2010। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने बगैर गारंटी कांग्रेस शासनकाल में उद्योगपतियों को बांटे गए 714 करोड़ रूपए की वसूली के लिए विशेष न्यायालय बनाए जाने की घोषणा की। भाजपा के विशेष सदस्यता सम्मेलन में आए मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टचारियों को कतई नहीं बख्शा जाएगा और आय से अधिक संपत्ति रखने वालों पर लगाम कसने के लिए के लिए नया कानून बनाएंगे। सीएम सामाजिक न्याय परिसर में भाजपा में शामिल सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। उन्होने पूर्ववर्ती सरकार पर गरीबों का भला नहीं करने और अपनी कुर्सी बचाने के लिए काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आम जनता के लिए जितनी योजनाएं हमने चलाई किसी और सरकार ने नहीं। दिग्विजयसिंह से पूछो उन्होंने गरीबों के लिए क्या किया। हमारी एक-एक योजनाएं आम आदमी को देखकर बनी है। कांग्रेसी आज हमें देखकर परेशान हो रहे हैं। उन्होंने भाजपा में शरीक हुए सदस्यों को अपने परिवार का सदस्य बताते हुए कहा कि अब प्रदेश विकास की नई उड़ान भरेगा। विशेष सदस्यता सम्मेलन में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा और राष्ट्रीय महासचिव थावरचंद गेहलोत ने भी संबोधित किया।
भोपाल में होगी उज्जैन विकास की बैठक - मुख्यमंत्री ने उज्जैन का विकास वादा दोहराते हुए कहा कि हर काम को पूरा किया जाएगा। उन्होंने महापौर रामेश्वर अखंड को चिंता नहीं करने और विकास योजनाओं को अमलीजामा पहनाने को कहा। मुख्यमंत्री ने उज्जैन विकास के लिए भोपाल में जल्द अहम बैठक बुलाने तथा इसमें जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों के शामिल होने की बात कही।
१० दिन में हटेगी कलाली - मुख्यमंत्री
महाकाल वाणिज्य सह आवास केंद्र में स्थित कलाली को हटाने की माँग को लेकर क्षेत्रीय महिलाओं ने कड़े तेवरों के साथ अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि 10 दिन के भीतर कलाली हटा दी जाएगी। महिलाएं इस बात पर अड़ गई कि इसका निर्णय आज ही होना चाहिए। महाकाल वाणिज्य केंद्र से कलाली हटाने की माँग को लेकर लंबे समय से क्षेत्रीय नागरिक प्रयासरत हैं, किंतु नियम कायदों और जाँच में उलझे इस मामले का निराकरण नहीं हो पा रहा है। इस बात को लेकर बड़ी संख्या में महिलाओं ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को ज्ञापन दिया। मुख्यमंत्री ने तत्काल कहा कि 10 दिन के भीतर कलाली को हटा दिया जाएगा, लेकिन महिलाएं इस पर सहमत नहीं थी। सभी इस बात पर जोर देने लगी कि कलाली को आज ही हटाने के आदेश जारी किए जाएं। साथ ही अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए टिप्पणी की गई कि कलाली यथावत रखने का इतना ही शौक है तो अधिकारी अपने घरों के पास कलाली लगा लें। कलाली नहीं हटी तो सर्किट हाऊस पर ही आंदोलन शुरू कर धरना दिया जाएगा। यह सुनकर मुख्यमंत्री कुछ उखड़ गए और सर्किट हाऊस के भीतर चल दिए। बाद में उन्हें ध्यान आया कि कुछ ओर लोग भी ज्ञापन देने के लिए खड़े हैं तो लौटकर आए और वहाँ मौजूद सभी लोगों से ज्ञापन लिया।
Date: 27-12-2010
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