शनिवार, 6 नवंबर 2010

डॉ. अम्बेडकर जन्म-स्थली महू के आस-पास सेना के आवास निर्माण कार्य रोकने का अनुरोध

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डॉ. अम्बेडकर जन्म-स्थली महू के आस-पास सेना के आवास निर्माण कार्य रोकने का अनुरोधराज्य सरकार सेना को वैकल्पिक भूमि उपलब्ध करायेगी, मुख्यमंत्री चौहान का केन्द्रीय रक्षा मंत्री एंटोनी को पत्र भोपाल 6 नवम्बर 2010। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्र सरकार से भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर की जन्म-स्थली महू, इंदौर के आस-पास की भूमि पर सेना द्वारा प्रारंभ आवासीय इकाइयों के निर्माण कार्य को जनहित में रोके जाने का अनुरोध किया है।केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री ए.के.एंटोनी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि बाबा साहेब अम्बेडकर की जन्म-स्थली महू में हर वर्ष 14 अप्रैल को विशाल जन समूह एकत्रित होता है। श्री चौहान ने पत्र में उल्लेख किया है कि स्मारक की 3 किलोमीटर की परिधि में कोई भी ऐसा स्थान नहीं है जहां पर स्मारक के दर्शनार्थियों के आने-जाने एवं ठहरने की व्यवस्था की जा सके। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत आवश्यक है कि उक्त भूमि को खाली ही रखा जाए और निर्माण कार्य नहीं हो।श्री चौहान ने अपने पत्र में कहा है कि स्मारक में दर्शनार्थियों के आने-जाने एवं ठहरने की विभिन्न व्यवस्थाएं परम्परागत रूप से जिस भूमि पर की जाती है वह रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत है। इस भूमि पर सेना द्वारा आवासीय इकाइयों के निर्माण का कार्य शुरू किया गया है। सेना द्वारा मकानों के निर्माण से भारत रत्न बाबा साहेब की जयंती के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के विशाल जनसमूह को ठहरने एवं आवागमन की व्यवस्थाओं में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्री एंटोनी को आश्वस्त किया है कि सेना की आवश्यकता के लिये रक्षा मंत्रालय को उपयुक्त वैकल्पिक भूमि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जायेगी। श्री चौहान ने रक्षा मंत्री से निर्माण कार्य और वैकल्पिक भूमि के चयन के लिये जिला प्रशासन के साथ समन्वय के लिये संबंधित प्राधिकारियों को निर्देशित करने का अनुरोध किया है।

इकाइयों के निर्माण कार्य को जनहित में रोके जाने का अनुरोध किया है।केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री ए.के.एंटोनी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि बाबा साहेब अम्बेडकर की जन्म-स्थली महू में हर वर्ष 14 अप्रैल को विशाल जन समूह एकत्रित होता है। श्री चौहान ने पत्र में उल्लेख किया है कि स्मारक की 3 किलोमीटर की परिधि में कोई भी ऐसा स्थान नहीं है जहां पर स्मारक के दर्शनार्थियों के आने-जाने एवं ठहरने की व्यवस्था की जा सके। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत आवश्यक है कि उक्त भूमि को खाली ही रखा जाए और निर्माण कार्य नहीं हो।श्री चौहान ने अपने पत्र में कहा है कि स्मारक में दर्शनार्थियों के आने-जाने एवं ठहरने की विभिन्न व्यवस्थाएं परम्परागत रूप से जिस भूमि पर की जाती है वह रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत है। इस भूमि पर सेना द्वारा आवासीय इकाइयों के निर्माण का कार्य शुरू किया गया है। सेना द्वारा मकानों के निर्माण से भारत रत्न बाबा साहेब की जयंती के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के विशाल जनसमूह को ठहरने एवं आवागमन की व्यवस्थाओं में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्री एंटोनी को आश्वस्त किया है कि सेना की आवश्यकता के लिये रक्षा मंत्रालय को उपयुक्त वैकल्पिक भूमि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जायेगी। श्री चौहान ने रक्षा मंत्री से निर्माण कार्य और वैकल्पिक भूमि के चयन के लिये जिला प्रशासन के साथ समन्वय के लिये संबंधित प्राधिकारियों को निर्देशित करने का अनुरोध किया है।

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