सोमवार, 1 नवंबर 2010

नि:शक्तों को देख मुख्यमंत्री द्रवित हुये

नि:शक्तों को देख मुख्यमंत्री द्रवित हुये

तत्काल अनुदान स्वीकृत : दूसरे ही दिन राशि मिली
Bhopal:Monday, November 1nav2010

--------------------------------------------------------------------------------


दो सौ मीटर दूर हजारों की भीड़ के बीच घुटने के बल चल रहे दो व्यक्तियों को देखकर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह द्रवित हो गये। उन्होने फौरन उन्हें मंच पर बुलवाया और अनुदान स्वीकृत कर दिया। इतने से श्री चौहान का मन भरा नहीं। वे मंच से उतर कर सभा स्थल के आखिरी छोर पर बैठे नि:शक्त जनों के बीच गये और उनके हाल-चाल जाने। उनकी हौसलाफजाई करते हुये उन्हें जरूरी कृतिम अंग, उपकरण और सहायता राशि भी दी।

मुख्यमंत्री रविवार को रीवा जिले के देवतालाब में आयोजित आओ बनायें अपना म.प्र. कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस बीच भीड़ में उनकी नजर हनुमना के जितेन्द्र कुमार गौतम पर पड़ी जो विकलांग हैं। उसे उन्होने मंच पर बुलवाया। फिर उन्हें राकेश ताम्रकार मंच की ओर आते दिखा। उसे भी उन्होने मंच पर बुलवाया। इनकी समस्या सुनकर श्री गौतम को पच्चीस हजार रूपये और श्री ताम्रकार को दस हजार रूपये उनके लिये राशि स्वीकृत की। इसके पहले रीवा हवाई पटटी पर उन्हें 14 वर्ष का नि:शक्त बालक सरस्वती प्रसाद पाण्डे मिला जिसकी पढ़ाई के लिये भी उन्होने पांच हजार रूपये स्वीकृत किये। इन सभी को अगले दिन ही सहायता राशि उपलब्ध करा दी गई है। मुख्यमंत्री की सहृदयता से वे गदगद हो गये।

मुख्यमंत्री ने देवतालाब की नेत्रहीन शारदा गौतम को ब्रेललिपि में लिखी रामचरित मानस रामायण की पुस्तक भेंट की जिससे वह भाव विभोर हो गयी। शारदा के मन में रामायण पढ़ने की बड़ी इच्छा थी लेकिन आंखों की रोशनी नहीं होने से वह मजबूर थी। उसकी लाचारी अब खत्म हो गयी। इस मौके पर उन्होने ग्राम डेल्ही के रामरहीस प्रजापति और पटेहरा के उमेश साकेत को कृतिम पैर दिये, जिससे वे अब चल सकेंगे। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ग्राम धवैया के अवनीश मिश्रा और हटवा के शिवराज यादव को व्हील चेयर दी जिससे उनकी जिन्दगी आसान हो गयी।

मुख्यमंत्री उन नि:शक्त जनों से भी मिले जो हाल ही में विवाह सूत्र में बंधे हैं। उन्होने इन पांच विवाहित जोड़ों को पच्चीस-पच्चीस हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि और प्रमाण पत्र भी वितरित किये। साथ ही उन्हें सुखमय जीवन का आशीर्वाद दिया। इससे वे अपने गृहस्थ जीवन की नैया सुख से चला सकेंगे। इनमें ग्राम कचूर के मंगलेश्वर और संगीता तिवारी, रायपुर कर्चुलियान के अब्दुल और सायना परवीन, बिछिया के अजीज और तनूजा, जोगिनिहाई के राकेश और प्रमिला शुक्ला, कसियार गांव के सुरेश और आरती पाण्डे शामिल हैं।

अपनी जिन्दगी को बोझ समझ बैठे ये नि:शक्त मुख्यमंत्री की सह्रदयता से भाव विभोर हो गये। वे मुख्यमंत्री से मिले प्यार और स्नेह से अपनी नि:शक्तता भूल गये। मुख्यमंत्री ने उन्हें प्रोत्साहित किये जिससे उनकी नीरस जिन्दगी में अब उमंग भरी नई उम्मीद जागी है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें