कोटितीर्थ कुंड का जल आचमन योग्य भी नहीं
भोपाल, 1 अक्टूबर । महाकालेश्वर मंदिर में स्थित कोटितीर्थ कुंड का जल भले ही पवित्र हो, लेकिन फिलहाल यह आचमन योग्य नहीं है। इस कुंड के आसपास गंदगी का आलम है। सीढिय़ों के समीप गर्भगृह से आने वाले दूध के जमाव से सड़ांध रहती है। जल की दुर्गंध से पीना तो दूर सूंघने पर भी जी मचलाने लगता है। दूर-दराज से आने वाले लाखों श्रद्धालु इस जल से भगवान महाकाल का अभिषेक करते हैं, आचमन करते हैं। साथ ही यह जल अपने साथ भी ले जाते हैं। श्रद्धालुओं द्वारा डाले जाने वाले खाद्य पदार्थों व फूल आदि के कारण यह जल दूषित होकर बदबू मार रहा है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शासन-प्रशासन द्वारा समय-समय पर इसकी रिचार्जिंग पावर टेस्ट करवाई जाती है। कलेक्टर डॉ. एम गीता ने कुंड को लेकर नई योजना बनाई है जो शीघ्र मूर्तरूप लेगी। (डॉ. अरुण जैन)
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