रविवार, 26 सितंबर 2010

मध्यप्रदेश कांग्रेस में पदों को लेकर घमासान

मध्यप्रदेश कांग्रेस में पदों को लेकर घमासान
भोपाल 26 सितंबर 2010। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर जहां उठापटक का दौर जारी है वहीं विधानसभा में विपक्ष की नेता जमुना देवी के निधन के बाद इस पद को लेकर भी घमासान तेज होने के आसार हैं।
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पिछले 17 सितंबर को प्रदेश पदाधिकारियों की एक बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पारित कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के चयन का जिम्मा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ दिया गया था। प्रदेश संगठन के चुनाव प्रभारी नरेंद्र बुढ़ानिया ने इसके दूसरे दिन ही यह प्रस्ताव नई दिल्ली जाकर सौंप दिया।
इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल सभी नेता नई दिल्ली रवाना हो गए तथा वहां वह अपने अपने आकाओं से भेंट कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने की जोड़तोड़ में जुट गए।
वर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी सहित जो नेता इस पद की होड़ में शामिल हैं उनमें शाजापुर देवास संसदीय क्षेत्र से सांसद एवं कमलनाथ समर्थक सज्जन सिंह वर्मा, पूर्व मंत्री तथा वरिष्ठ कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह के पुत्र अजय सिंह, उज्जैन सांसद प्रेमचंद गुड्डू, ज्योतिरादित्य समर्थक महेंद्र सिंह कालूखेड़ा, केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया एवं अरुण यादव प्रमुख रुप से शामिल हैं। फिलहाल इनमें अधिकांश नेता अपनी अपनी गोटियां भिड़ाने की जुगत में दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और इनमें से कुछ की मुलाकात पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से हो भी चुकी है लेकिन माना जा रहा है कि इस बारे में अंतिम फैसला सोनिया गांधी का ही चलेगा।
विधानसभा में विपक्ष की वयोवृद्ध नेता 81 वर्षीय जमुना देवी के लंबे समय से बीमारी के चलते अनेक नेताओं ने उनके कार्यकाल के ही दौरान विपक्ष के नेता पद के लिए अपनी अपनी गोटियां बिठाना शुरु कर दिया था, हालांकि यह और बात है कि किसी को सफलता नहीं मिल पाई। अब उनके निधन के बाद एक बार फिर इस पद के लिए घमासान तेज होने के आसार हैं।
इनमें कई ऐसे नेता भी हैं जो अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल होने के साथ ही नेता विपक्ष के पद की दौड़ में भी शामिल हैं। इन नेताओं में अजय सिंह तथा महेंद्र सिंह कालूखेडा का नाम प्रमुख है। इनके अलावा नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में शामिल अन्य नेताओं में कांग्रेस विधायक दल के उपनेता चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी का नाम प्रमुख रुप से लिया जा सकता है।
बहरहाल इन पदों की होड़ में शामिल सभी नेता अपने अपने आकाओं के रहमो करम पर निर्भर हैं, लेकिन यह तो तय माना जा रहा है कि दोनो पदों के लिए सोनिया गांधी ही अंतिम फैसला लेंगी।


Date: 26-09-2010 Time: 19:01:13

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