रविवार, 26 सितंबर 2010

राजनीति शब्द बेहद गंदा : अमर सिंह


गुड़गांव. लोकमंच के संस्थापक एवं सांसद अमर सिंह ने कहा कि राजनीति शब्द बेहद गंदा है, इसलिए मैं इससे दूर ही रहना चाहता हूं। उन्होंने हरियाणा में किसान, मजदूरों और क्षत्रिय समाज की दुर्दशा पर गहरी चिंता जताई है।



उन्होंने कहा कि प्रदेश की सत्ता हमेशा से एक वर्ग विशेष का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता के हाथ में रही है, जिसने इन वर्गों की सदैव अनदेखी की है। ऐसे में जरूरत है कि किसान-मजदूर एवं क्षत्रिय समाज, ऐसे नेता बनाएं जो उनकी आवाज उठा सकें। वे रविवार को साइबर सिटी के राजपूत वाटिका में राजपूत महासभा के सहयोग से आयोजित किसान-मजदूर सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।



इस दौरान आक्रामक तेवर दिखाते हुए सिंह ने कहा कि लोकमंच एक गैर-राजनीतिक संगठन है और मैं हरियाणा में राजनीति नहीं अपितु सेवा और मदद के लिए आया हूं। आज हरियाणा के किसानों, मजदूरों और क्षत्रियों ने मुझे पुकारा है तो मैं हाजिर हूं। महाभारतकाल का वर्णन कर स्वयं की भगवान कृष्ण से तुलना करते हुए सिंह ने महेंद्रगढ़वासियों से एक माह का समय मांगा। उन्होंने कहा कि इतना ही समय वे मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को दें। यदि इस अवधि में महेंद्रगढ़ में जबरन भूमि अधिग्रहण व क्षत्रिय समाज पर अन्याय पर लगाम नहीं लगी तो वे आंदोलन करेंगे। इसके लिए क्षत्रिय समाज के एकजुट होने का आह्वान किया। किसानों और मजदूरों की एकजुटता का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि अब जागने की जरूरत है। जागृति से ही क्रांति आएगी।




लोकमंच की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सांसद जया प्रदा ने कहा कि उन्होंने समाजवादी पार्टी को नहीं छोड़ा अपितु पार्टी ने उन्हें निकाल दिया। अब वे लोकमंच के माध्यम से किसान, मजदूर और ग्रामीण युवा बेरोजगारों के लिए काम करना चाहती हैं। इस मौके पर लोकमंच के प्रदेशाध्यक्ष संजय सिंह, अरविंद सिंह, केपी सिंह, वेदपाल तंवर आदि ने अमर सिंह और जया प्रदा का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया।







सम्मेलन में अभिनेता एवं लोकमंच के राष्ट्रीय महासचिव संजय दत्त का लोग इंतजार ही करते रहे। एक अन्य अभिनेता एवं लोकमंच के राष्ट्रीय सांस्कृतिक संयोजक मनोज तिवारी भी किसी कारणवश नहीं पहुंच सके।

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