सोमवार, 27 सितंबर 2010
इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा फैसले में और देर नहीं होनी चाहिए।
अयोध्या मामले में फैसला टालने की याचिका पर उच्चतम न्यायालय मंगलवार को सुनवाई करेगा और इस बीच सुलह की संभावना को खारिज करते हुए सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड तथा अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने सोमवार कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा फैसले में और देर नहीं होनी चाहिए। इस बीच केन्द्र सरकार ने देश के सभी राज्यों को ‘हाई अलर्ट’ पर रहने का निर्देश जारी किया।
बातचीत से निकालें समाधान : दोनों पक्षों ने उच्चतम न्यायालय में अलग अलग हलफनामों में अपना मत रखा। उधर वरिष्ठ कांग्रेसी
FILEनेता और केंद्रीय वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सभी पक्षों को बातचीत या फिर अदालती फैसले को स्वीकार करके समाधान निकालना चाहिए। इस 60 साल पुराने विवाद में केंद्र के रुख के बारे में पूछे जाने पर मुखर्जी ने पश्चिम बंगाल के सागरदीघी में कहा कि दोनों पक्षों को बातचीत के जरिए मामला सुलझाना चाहिए।
उच्च न्यायालय का फैसला शुक्रवार को आना था, लेकिन अब उच्चतम न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश एसएच कपाड़िया की अध्यक्षता वाली पीठ फैसले को टालने की माँग वाली विशेष अनुमति याचिका पर कल फैसला करेगी।
सेवानिवृत्त नौकरशाह रमेशचंद्र त्रिपाठी ने याचिका दाखिल की थी और मामले के अदालत से बाहर समाधान की संभावना तलाश करने का अनुरोध किया था।
फैसला हो ही जाए : मामले में सबसे पुराने पक्षकार मोहम्मद हाशिम अंसारी (90) भी एक अक्टूबर से पहले फैसला चाहते हैं। इसी दिन उच्च न्यायालय की अयोध्या पीठ के तीन न्यायाधीशों में से एक सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने लखनऊ में कहा कि एक हलफनामा दाखिल कर दिया गया है, जिसमें फैसला एक अक्टूबर तक करने की माँग की गई है चूँकि इस दिन पीठ के एक न्यायाधीश सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि बातचीत से मामला नहीं सुलझ सकता क्योंकि अब तक इससे कोई नतीजा नहीं निकला है। कृपया उच्च न्यायालय को एक अक्टूबर तक फैसला सुनाने की अनुमति दी जाए, यह न्याय के हित में होगा क्योंकि एक न्यायाधीश उस दिन सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
सुलह का विरोध : अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने कहा कि उसने अयोध्या मामले में समाधान तलाशने के लिए सुलह की माँग वाली याचिका का विरोध करने का फैसला किया है और जल्द फैसले के लिए अदालत से गुहार लगाई है।
हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश तिवारी ने लखनऊ में कहा कि हमने फैसला टाले जाने के लिए दाखिल याचिका के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल किया है।
तीन माह टाला जाए फैसला : निर्मोही अखाड़े के अधिवक्ता रणजीत लाल वर्मा ने कहा है कि वे मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में अर्जी दाखिल करके अदालत से यह आग्रह करेंगे कि विवाद को आपसी बातचीत से सुलझाने के वास्ते और समय देने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला तीन महीने टाल दिया जाए और मामले के समयबद्ध निपटारे के लिए एक मध्यस्थ नियुक्त करके प्रक्रियाबद्ध तरीके से प्रयास किया जाए।
उन्होंने कहा कि इसके लिए 30 सितंबरम को सेवानिवृत्त हो रहे न्यायमूर्ति डीवी शर्मा का कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ा दिया जाना चाहिए। वर्मा ने कहा कि यदि तीन महीने में आपसी बातचीत से मामले का समाधान नहीं होता है तो अदालत उसके बाद अपना फैसला सुना दे।
देश में हाई अलर्ट : याचिका पर सुनवाई के मद्देनजर केन्द्र सरकार ने उत्तरप्रदेश सहित देश के सभी राज्यों को ‘हाई अलर्ट’ पर रहने का निर्देश जारी किया। केन्द्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि उत्तरप्रदेश सहित देश के सभी राज्यों को अलर्ट जारी कर दिया गया है। राज्यों से कहा गया है कि वे संवेदनशील जगहों पर विशेष एहतियात बरतें।
सूत्रों ने कहा कि यदि उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को ही तय कर दिया कि वह इस याचिका को खारिज कर रहा है या फिर उस पर आगे सुनवाई नहीं करेगा तो संभव है कि कल दोपहर बाद ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ इस विवाद पर अपना फैसला सुना दे। ऐसे में राज्यों को अपनी ओर से पूरी एहतियात बरतने के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा कि हमारी सुरक्षा तैयारियाँ 24 सितंबर की ही तरह हैं। सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है। अर्धसैनिक बल राज्यों की मदद के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उत्तरप्रदेश में विशेष एहतियात बरती जा रही है।
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