रविवार, 19 सितंबर 2010

अहिंसा, क्षमा और सम्मान की भावना सामाजिक सद्भाव का आधार

अहिंसा, क्षमा और सम्मान की भावना सामाजिक सद्भाव का आधार

मुख्यमंत्री श्री चौहान शामिल हुए क्षमापना महोत्सव में
Bhopal:Sunday, September 19, 2010:


मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि क्षमा वीरों का आभूषण है। अहिंसक व्यक्ति ही क्षमाशील होता है। कमजोर और कायर व्यक्ति में क्षमा की क्षमता नहीं होती है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति स्वयं को जीतने की कोशिश करता है, वही जैन होता है। उन्होंने कहा कि यदि सभी व्यक्ति जैन बन जाए तो समाज की सभी समस्याएँ समाप्त हो जाएगी। समाज से द्वेष, राग और विवाद समाप्त हो जायेंगे। श्री चौहान आज मानस भवन में श्री जैन श्वेतांबर सकल श्री संघ भोपाल द्वारा आयोजित क्षमापना महोत्सव को संबोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निराहार 23 उपवास पूर्ण करने वाली तपस्विनी श्रीमती सुषमा नाहटा का अभिनंदन कर सम्मान-पत्र भेंट किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अंहिंसा, क्षमा और सबके सम्मान की भावना ही सामाजिक सद्भाव का आधार है। उन्होंने कहा कि ईश्वर सत्य है, उसको देखने के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं। कोई उनको आकार में देखता है तो कोई उनको निराकार में देखता है। इसलिए महत्वपूर्ण यह है कि सबकी भावना का आदर हो। क्षमा प्रार्थना के द्वारा हम दूसरों की भावनाओं का आदर और सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि विवाद और द्वेष से किसी का भी भला नहीं होता है। इसलिये समाज में मिल-जुल कर शांति के साथ रहने की भावना के प्रसार के लिये सभी को प्रयास करने चाहिए। श्री चौहान ने कहा कि अहंकार से विनाश होता है। यदि व्यक्ति को अहम और सत्ता का मद होगा तो उसका विकास रूक जाएगा।

श्री चौहान ने इसी भावना के अनुरूप उनके उद्बोधन के प्रारंभ में मंचासीन पूर्व मुख्यमंत्री एवं मंत्रीगण का परिचय कार्यक्रम में उपस्थित श्रावक के रूप में कराया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मुख्यमंत्री निवास पर क्षमावाणी पर्व मनाये जाने की घोषणा की। कार्यक्रम में क्षमा-याचना करते हुए उन्होंनं सरकार के जनहितकारी कार्यों के संबंध में सुझाव भी आमंत्रित किए।

पूर्व मुख्यमंत्री श्री सुंदरलाल पटवा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान मेंे जैन श्रावक के सभी गुण हैं। वे शुद्ध और सात्विक जीव हैं, इसलिये वे भी जैन है। श्री पटवा ने कहा कि जो व्यक्ति स्वयं को जीतने की कोशिश करता है, वही जैन होता है। जो स्वयं को जीत लेता है, वही महावीर कहलाता है।

वित्त मंत्री श्री राघवजी ने कहा कि क्षमा,अपरिग्रह, अहिंसा और सद्भावना आदि गुणों पर सभी धर्म जोर देते हैं। इन गुणों पर विशेष अमल के कारण, यह जैन धर्म की विशिष्टता बन गए हैं। जल संसाधन मंत्री श्री जंयत मलैया ने कहा कि वर्ष में जाने-अनजाने गलतियां हो जाती हैं। पर्यूषण पर्व में तपस्या और क्षमा-याचना से मन और मस्तिष्क निर्मल हो जाता है।

कार्यक्रम में सभी अतिथियों ने क्षमापना पर्व के अंतर्गत क्षमा-याचना भी की। इस अवसर पर तपस्वियों का सम्मान किया गया। अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन, भगवान महावीर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। श्रीमती मंजू डागा ने आध्यात्मिक गीत प्रस्तुत किया। अतिथियों को स्मृति-चिन्ह भेंट किए गए।

अतिथियों का स्वागत श्री जैन श्वेतांबर सकल श्री संघ भोपाल के अध्यक्ष श्री यशवंत सिंह बांठिया ने किया। आभार प्रदर्शन श्री अरविंद जैन ने किया। इस अवसर पर गौ संवर्द्धन बोर्ड के अध्यक्ष श्री मेघराज जैन,विधायक श्री जितेंद्र डागा, श्वेतांबर जैन साधक, साध्वी, तपस्वी और बड़ी संख्या में धर्मप्राण नागरिक उपस्थित थे।





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