सिरोंज में निजी अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय शुरू करने के प्रयास - उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा
लोक मंगल समिति ने किया शिक्षकों का सम्मान
Bhopal:Tuesday, September 7, 2010: राज्य सरकार शिक्षा के सर्वांगीण विकास हेतु कृत संकल्पित है। म0प्र0 में हिन्दी भाषा को बढावा देने के लिये हिन्दी विश्व विद्यालय भी स्थापित कराने का प्रयास किया जा रहा है। विदिशा जिले के सिरोंज में अन्तराष्ट्रीय स्तर का निजी विश्व विद्यालय प्रारम्भ कराये जाने की दिशा में भी प्रयास किये जा रहे है। जिसमें इन्जीनियरिंग एवं मेडिकल शिक्षा प्रदाय किये जाने की योजना है। उच्च शिक्षा, जनसंपर्क एवं संस्कृति मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने सोमवार को सिरोंज में पंडित चन्द्रमोहन शर्मा की स्मृति में लोक मंगल समिति द्वारा आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह के अवसर पर कही।
लक्ष्मीकान्त शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में काफी विकास कार्य किये गये है। साथ ही उत्कृष्ट शैक्षणिक वातावरण एवं अन्य शिक्षण सुविधायें भी उपलब्ध कराई जा रहीं हैं। आज गांव-गांव को सड़कों के माध्यम से जोड़ा गया है और बड़ी संख्या में गांव-गांव में विद्यालय प्रारम्भ किये गये हैं। श्री शर्मा ने कहा कि स्वर्गीय चन्द्रमोहन शर्मा की स्मृति में यह सम्मान समारोह आयोजित करने पर आयोजन समिति बधाई की पात्र है। इस अवसर पर भोपाल संभागायुक्त श्री मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षक कठिन कार्य को जीवन भर संपादित करता है। अतः शिक्षा साधन नहीं साधना है। वही सच्चा शिक्षक है जो सदैव विद्यार्थी बना रहता है। ज्ञान का भण्डार मानने वाला शिक्षक कभी पूर्ण नहीं हो सकता। अतः हम अच्छी बातों को गृहण कर विद्यार्थियों के जीवन को उत्कृष्ट बनाये। शिक्षकों को आत्म अवलोकन कर बहु आयामी बनने चाहिये उन्होंने कहा कि वही समाज अपने भविष्य संरक्षित रख सकता है जिसमें कृतज्ञता एवं आभार के भाव और संस्कार हों। यह समारोह शिक्षा के महायज्ञ में योगदान देने वालों के प्रति कृतज्ञता के भाव का समारोह है।
कार्यक्रम में प्रख्यात लेखिका एवं चिंतक सुश्री कुसुमलता केडिया ने कहा कि समाज अपनी मूल विद्या परम्परा को प्रारम्भ करेगा तो भारत में प्रतिभाशाली शिक्षकों की कमी नहीं होगी। उन्होंने देश के गौरव पूर्ण इतिहास से संबंधित पुस्तकों के संग्रहण एवं अध्ययन की भी आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम में जिला कलेक्टर श्री योगेन्द्र शर्मा ने कहा कि शिक्षा दान आसान कार्य नहीं है। शिक्षक सृजनकर्ता होता है। वह राष्ट्र समाज एवं पीढ़ी का निर्माण करता है। शिक्षकों को छात्रों में अच्छाई एवं बुराई में भेद करने का भी ज्ञान देना चाहिये। जिससे उनमें कार्य व अकार्य में भेद करने का विवेक उत्पन्न हो सके। इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ अध्यक्ष एवं मुख्य अतिथि द्वारा डॉ. राधाकृष्णन एवं पं. चन्द्रमोहन शर्मा के चित्रों पर दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. आशीष शर्मा एवं आभार रघुनंदन शर्मा ने व्यक्त किया।
Date: 07-09-2010 Time: 16:15:25
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