मंगलवार, 28 सितंबर 2010

शासकीय सेवकों को 8 प्रतिशत मंहगाई भत्ता (मंत्रि परिषद के निर्णय)


शासकीय सेवकों को 8 प्रतिशत मंहगाई भत्ता (मंत्रि परिषद के निर्णय)

मंत्रियों के स्वैच्छानुदान की राशि बढ़ी, शिक्षकों के शत प्रतिशत रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था, तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण की पीपीपी योजना को बढ़ावा, राष्ट्रीय फैशन टेक्नालॉजी संस्थान के लिए भूमि आवंटित
Bhopal:Tuesday, September 28, 2010:


मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रि परिषद की बैठक में शासकीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों के मंहगाई भत्ते में 8 प्रतिशत बढ़ौत्तरी करने का निर्णय लिया गया। पेंशनरों को भी इसी दर मंहगाई राहत दी जाएगी। यह लाभ माह अक्टूबर 10 के वेतन से मिलेगा जो नवंबर 2010 में देय होगा।

पंचायत राज संस्थाओं तथा स्थानीय निकायों में नियोजित अध्यापक संवर्ग तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पंचायत सचिवों को मूल वेतन का 15 प्रतिशत प्रति माह की दर से मंहगाई भत्ता दिया जायेगा। इस प्रकार उनके मंहगाई भत्ते में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह 101 प्रतिशत से बढ़कर 116 प्रतिशत हो गया है।

मंहगाई भत्ता और पेंशन राहत के इस निर्णय से राज्य शासन पर प्रति माह 104 करोड़ रुपये और प्रति वर्ष 1250 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आएगा।

प्रदेश में शिक्षण व्यवस्था के सुचारु संचालन के लिए मंत्रि परिषद ने शिक्षकों के शत प्रतिशत रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों द्वारा अध्यापन की व्यवस्था का निर्णय लिया। इसके अनुसार हाई स्कूल/हायर सेकेंडरी स्कूलों रचनाक्रम के नाम से विषयवार स्वीकृत रिक्त पदों पर पदोन्नति से पूर्ति न होने एवं नवीन भर्ती न होने की स्थिति में आवश्यकतानुसार शत प्रतिशत रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षक रखे जाएंगे। वर्तमान में अतिथि शिक्षकों की अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत निर्धारित है। अतिथि शिक्षक वर्ग एक के लिये 180 रुपये प्रतिदिन तथा माह में अधिकतम 4500 रुपये का भुगतान किया जाएगा। इसी प्रकार अतिथि शिक्षक वर्ग 2 के लिये प्रतिदिन 150 रुपये तथा माह में अधिकतम 3500 रुपये का भुगतान किया जायेगा। अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। युवा शिक्षक नहीं मिलने पर सेवानिवृत्त शिक्षकों को अतिथि शिक्षक के रुप में रखा जाएगा।

प्रदेश में बड़े पैमाने पर रोजगार बढ़ाने तथा तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण को त्वरित गति से बढ़ावा देने के लिए पीपीपी माध्यम से कार्य करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत पीपीपी माध्यम से आईटीआई और पालीटेक्निक संस्थाओं का निर्माण संभव हो सकेगा। साथ ही व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये विधानसभा द्वारा पारित संकल्प के अनुरुप आईटीआई का सुदृढ़ीकरण होगा। इस दिशा में अगले तीन वर्षों के भीतर तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र में प्रभावी कार्रवाई हो सकेगी। इस संबंध में राज्य शासन द्वारा गठित की गई मंत्रिमंडलीय उप समिति ने कुल 66 अनुशंसाएं की हैं। इनमें से 43 अल्पकालिक उपाय एवं 23 दीर्घकालिक उपाय हैं। इन अनुशंसाओं के क्रियान्वयन पर अनावर्ती व्यय 78504 लाख तथा आवर्ती व्यय 9793.50 लाख रूपये संभावित है। इन अनुशंसाओं पर आधारित एक प्रस्तुतिकरण मंत्रिपरिषद की बैठक में दिया गया। इन अनुशंसाओं के आधार पर शीघ्र नीति बनाई जाएगी। इसके तहत 10-12 गांवों के बीच कौशल उन्नयन केन्द्रों की स्थापना की जाएगी।

मंत्रि परिषद ने मंत्रिगण तथा राज्यमंत्रिगण के स्वेच्छानुदान की राशि में वृद्धि करने का निर्णय लिया। मंत्रिगण की वार्षिक स्वेच्छानुदान राशि को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख तथा राज्यमंत्रियों की राशि को पांच लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष की स्वेच्छानुदान राशि को 50 लाख रूपये से बढ़ाकर 75 लाख रूपये किया गया है। उपाध्यक्ष की स्वेच्छानुदान राशि को पांच लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख तथा नेता प्रतिपक्ष की राशि को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है।

मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय फैशन टेक्नालॉजी संस्थान ( वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार) की स्थापना के लिये भोपाल जिले की तहसील हुजूर के ग्राम भौंरी में 34.5 एकड़ भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया है। यह भूमि एक रुपये प्रीमियम के आधार पर दी जाएगी।

मंत्रिपरिषद ने तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग का नाम बदलकर तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग करने का निर्णय लिया।

मंत्रिपरिषद ने सरदार सरोवर परियोजना फर्जी विक्रय पत्रों एवं पुर्नवास स्थलों के विकास में बरती गई अनियमितताओं की जांच के लिए न्यायमूर्ति श्री एस.एस.झा की अध्यक्षता में गठित एकल सदस्यीय जांच आयोग का कार्यकाल एक वर्ष बढ़ाने का निर्णय लिया।

मंत्रिपरिषद ने स्वामी परमानंद गौ धाम, गौशाला सर्वतोमुखी संस्थान श्री परम शक्ति पीठ के पक्ष में निष्पादित एवं विक्रित होने वाले दस्तावेजों पर देय मुद्रांक शुल्क एवं पंजीयन शुल्क में छूट देने का निर्णय लिया।

मंत्रिपरिषद ने श्री माधव सेवा न्यास के पक्ष में पंजीयत कराये जाने वाले दान विलेख में मुद्रांक एवं पंजीयन शुल्क से छूट दिये जाने का निर्णय लिया।

मंत्रिपरिषद ने पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालयों के इन्टर्नीज को चिकित्सा महाविद्यालयों के इन्टर्नीज के समान स्टायपेंड पांच हजार रुपये प्रति माह दिये जाने का निर्णय लिया।

मंत्रिपरिषद ने पशुपालन विभाग की विभागीय संरचना का युक्तियुक्तकरण करने का निर्णय लिया। संचालनालय पशु चिकित्सा सेवाएं का नाम बदलकर संचालनालय पशुपालन किया गया है । ऐसे पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ जिन्हें समयावधि में पदोन्नति नहीं मिली है, को समयबद्ध वेतनमान की वर्तमान योजना के अन्तर्गत 8 वर्ष बाद प्रथम समयबद्ध वेतनमान प्राप्त होने पर पशु चिकित्सा शल्यज्ञ एवं 16 वर्ष बाद द्वितीय समयबद्ध वेतनमान प्राप्त होने पर वरिष्ठ पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ/ अतिरिक्त उप संचालक का पदनाम देने का निर्णय लिया गया।

मंत्रि परिषद ने प्रदेश की शासकीय स्वशासी एवं अनुदान प्राप्त पालीटेक्निक, महिला पालीटेक्निक महाविद्यालयों के शिक्षकों, ग्रंथपालों तथा पीटीआई को पुनरीक्षित एआईसीटीई वेतनमान दिये जाने का निर्णय लिया। मंत्रि परिषद ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद में शिक्षकों तथा अन्य शैक्षणिक स्टाफ के लिए वेतनमान, सेवाशर्ते और अर्हताएं विनियम 2010 में की गई अनुशंसाओं के अनुरुप लागू करने का निर्णय लिया। इसके अनुसार इन संस्थाओं के शिक्षकों को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा अनुशंसित वेतनमान, केरियर संवर्धन स्कीम का लाभ एक जनवरी 2006 से तथा पीएचडी/एमटेक/अन्य उच्च अर्हताओं के लिए प्रोत्साहन का लाभ एक सितम्बर 2008 से दिया जाएगा। साथ ही क्लास रुम टीचींग में संलग्न शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष की जाएगी और नान टीचींग स्टाफ की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष यथावत रखी जाएगी। एक जनवरी 2006 के पश्चात सेवानिवृत्त शिक्षकों को संविदा नियुक्ति 70 वर्ष की आयु तक पुर्ननियुक्ति तत्संबंधी निर्देशों के अध्याधीन दी जाएगी।

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