पिछले एक वर्ष में प्रदेश में 23 बड़े और मध्यम उद्योग स्थापित
डीएमआईसी परियोजना क्षेत्रों में 1111 करोड़ रुपये पूंजी निवेश से 14 उद्योग स्थापित हुए
Bhopal:Monday, September 27, 2010:
राज्य शासन द्वारा दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर (डीएमआईसी) परियोजना क्षेत्र में विश्वस्तरीय अधोसंरचना के विकास के साथ आसपास के पूरे क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास करने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय केन्द्र सरकार द्वारा कॉरिडोर के प्रदेश से होकर गुजरने की स्वीकृति देने के बाद ही ले लिया गया था। डीएमआईसी परियोजना क्षेत्र में विश्वस्तरीय अधोसंरचना विकास करने के निर्णय के सकारात्मक परिणाम भी मिले हैं। पिछले एक वर्ष में प्रदेश में स्थापित होने वाले 23 वृहद/मध्यम उद्योग में से लगभग 1111 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश से 14 औद्योगिक इकाईयां इसी क्षेत्र में स्थापित हुई हैं।
गौरतलब है कि डीएमआईसी परियोजना के अंतर्गत प्रदेश में चार डेवलपमेंट नोड चिन्हित किये गये हैं। इन चार डेवलपमेंट नोड में पीथमपुर-धार-महू-इन्वेस्टमेंट रीजन, शाजापुर-देवास इण्डस्ट्रीयल एरिया, नीमच-नयागांव इण्डस्ट्रीयल एरिया शामिल हैं।
डीएमआईसी परियोजना के अंतर्गत त्वरित क्रियान्वयन हेतु पांच योजनाओं का चयन किया गया है। इन पांच योजनाओं के अंतर्गत उज्जैन जिले में नॉलेज सिटी की स्थापना की जायेगी। पीथमपुर के निकट इंटीग्रेटेड मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब का निर्माण किया जायेगा। इन्दौर हवाई अड्डे और पीथमपुर के बीच इकॉनामिक कॉरिडोर का निर्माण किया जायेगा। राजगढ़ जिले में पॉवर इक्यूपमेंट हब की स्थापना होगी। इसके अलावा पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में जल प्रदाय और दूषित जल का समुचित प्रबंधन सुनिश्चित किया जायेगा। इन सभी योजनाओं को पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के आधार पर किया जाना प्रस्तावित है। इनमें से पीथमपुर-धार-महू-इन्वेस्टमेंट रीजन में त्वरित अमल वाली चार अरली बर्ड प्रोजेक्ट का एमओयू भी हो चुका है।
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