गुरुवार, 14 फ़रवरी 2013

महाधिवक्ता साढ़े तीन साल बाद बने लोक अभियोजक.....

 
भोपाल 14 फरवरी 2013। राज्य के महाधिवक्ता ऋषभदास जैन साढ़े तीन साल बाद लोक अभियोजक बन सके हैं। जबलपुर हाईकोर्ट में राज्य सरकार के विधिक प्रतिनिधि के रुप में श्री जैन को राज्य के विधि विभाग ने 26 जून,2009 को महाधिवक्ता के रुप में नियुक्त किया था परन्तु इन्हें वह लोक अभियोजक बनाने सम्बन्धी विधिक औपचारिकता को पूरी करने में चूक गई थी जिसे अब सुधारा गया है।
विधि विभाग ने अपने ताजा आदेश के तहत दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 24 के तहत मप्र उच्च न्यायालय के परामर्श से राज्य में उत्पन्न होने वाले मामलों के संबंध में मप्र उच्च न्यायालय हेतु उनके द्वारा अपने पद का कार्यभार ग्रहण करने के दिनांक से लोक अभियोजक के रुप में नियुक्त किया है। अब श्री जैन क्रिमिनल मामलों में भी राज्य सरकार की ओर से उच्च न्यायालय में पैरवी कर सकेंगे।
यहां यह उल्लेखनीय है कि सरकार की ओर से लोक अभियोजन का कार्य राज्य के गृह विभाग के अधीन कार्यरत लोक अभियोजन संचालनालय करता है। इस संचालनालय के संचालक डा. अनिल पारे ने बताया कि हमारे संचालनालय में नियुक्त लोक अभियोजक सिर्फ जिला न्यायालयों तक ही सरकार की ओर से पैरवी कर सकते हैं। इनमें कई अधिकारियों को सेवा देते हुये दो दशक से भी अधिक बीत गया है तथा संचालनालय ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है कि ऐसे अनुभवी अधिकारियों को उच्च न्यायालय में भी लोक अभियोजन का कार्य दिया जाये। राज्य सरकार इस प्रस्ताप पर विचार कर रही है।
महाधिवक्ता कार्यालय से बताया गया है कि राज्य के महाधिवक्ता ऋषभदास जैन को करीब साढ़े तीन साल बाद सिर्फ उच्च न्यायाल के लिये लोक अभियोजक नियुक्त किया है। चूंकि वे अपने पावर डेलीगेट कर सकते हैं इसलिये क्रिमिलन मामलों हेतु वे अपने इस अधिकार को अन्य अधीनस्थ सरकारी अभिभाषकों को भी सौंप सकेंगे। दरअसल उन्हें लोक अभियोजक नियुक्त करने की यह कार्यवाही सिर्फ एक औपचारिता है जो पहले पूरी करने से छूट गई थी। क्रिमिनल मामलों में पैरवी करते वक्त कोई इस बात पर आपत्ति न करे इसीलिये विधि विभाग ने यह ताजा आदेश जारी किया है।

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