बुधवार, 16 जनवरी 2013

आयकर ने फिर खोली नरोत्तम मिश्रा की फाइल


भोपाल 15 जनवरी 2013। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर निकाली गई 5 करोड़ रुपए से अधिक की आयकर वसूली अपील में खारिज होने के बाद विभागीय कमिश्नर ने प्रकरण फिर से खोलने के निर्देश दिए हैं। मामले से जुड़े तीन आईएएस अफसरों और इंदौर की तत्कालीन महापौर उमाशशि शर्मा सहित 7 लोगों को नोटिस भेजे गए हैं।
आयकर अधिनियम की धारा 263 के तहत विभागीय कमिश्नर ने हाल ही में इस कार्रवाई को अंजाम दिया। मिश्रा की आय में जोड़ी गई 15 करोड़ की अघोषित आय और उसके बाद के घटनाक्रम को लेकर विभाग के उच्च अधिकारियों ने मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। मिश्रा की अपील का निराकरण होने के बाद वरिष्ठ अफसरों ने जब यह देखा कि मामले में कुछ हिस्सा छूट रहा है तो ताबड़तोड़ ढंग से उसकी नए सिरे जांच के निर्देश दे दिए गए।
इस तरह यह फाइल फिर से खोलकर तत्कालीन प्रमुख सचिव राघवचंद्रा, नगर निगम इंदौर के आयुक्त रहे नीरज मंडलोई, वरिष्ठ आईएएस मलय श्रीवास्तव, इंजीनियर बीएस जादौन और इंदौर की तत्कालीन महापौर उमाशशि शर्मा को धारा 147 व 148 के तहत नोटिस भेजे गए हैं। इनके अलावा पूर्व आईएएस अधिकारी विनोद वैश्य को भी नोटिस भेजा गया है, क्योंकि भोपाल के समीप रतनपुर में जिस बेशकीमती जमीन का सौदा हुआ था वह जमीन उन्होंने ही बेची थी। वषर्ष 2008 में यह जमीन मुकेश शर्मा और डबरा के कुछ किसानों के नाम पर खरीदी गई थी जिसे जांच के बाद आयकर विभाग ने मिश्रा की आय में जोड़ा था।
मुकेश शर्मा को भी नोटिस
मामले की मुख्य कड़ी दलाल मुकेश शर्मा को भी नोटिस भेजा गया है, क्योंकि उसके यहां छापे के दौरान इस तरह के अनेक दस्तावेज बरामद हुए थे जिनसे इस बात का खुलासा हुआ था कि हैदराबाद की नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी को ठेका दिलाने के एवज में अनेक अधिकारियों को कमीशन की राशि बांटी गई। अधिनियम की धारा 263 आयकर कमिश्नर को यह अधिकार देती है कि वह असेसमेंट अफसर को बुलाकर किसी भी मामले में पुन: असेसमेंट के निर्देश दे दे ताकि जांच के दौरान छूट गए हिस्से का ठीक से असेसमेंट हो सके। उमाशशि शर्मा ने एक चर्चा में स्वीकार किया कि उन्हें आयकर विभाग का नोटिस मिला है लेकिन नोटिस किस मामले में है यह उन्हें मालूम नहीं। शर्मा ने बताया कि उन्होंने उक्त नोटिस अपने सीए के पास भेजा है।


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