बुधवार, 16 जनवरी 2013

प्रदेश में मानव रक्त कम्पोनेंट्स पर अब वैट नहीं लगेगा

राज्यपाल द्वारा मप्र वैट द्वितीय संशोधन विधेयक मंजूर
भोपाल 15 जनवरी 2013। प्रदेश में अब मानव रक्त कम्पोनेंट्स पर भी वैट नहीं लगेगा। इससे पहले सिर्फ मानव रक्त एवं मानव रक्त प्लाज्मा को ही कर से छूट मिली हुई थी। यह स्थिति बनी है राज्यपाल रामनरेश यादव द्वारा मप्र वैट द्वितीय संशोधन विधेयक को स्वीकृति देने से। इस विधेयक को मप्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र में 12 दिसम्बर,2012 को पारित किया गया था। अधिनियम के रुप में प्रभावशील हुये इस कानून के तहत अब मप्र वाणिज्यिक कर अपीलेट बोर्ड के सदस्यों का कार्यकाल अब 62 वर्ष की आयु से बढ़ाकर 63 वर्ष कर दिया गया है।
नये कानून के अनुसार अब फर्नीचर सें भिन्न माल के निर्माण में उपयोग किये गये टिम्बर पर आगत कर रिबेट की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा नये कानून में एविएशन टरबाईन फ्यूल यानी एटीएफ पर करारोपण स्पष्ट किया गया है अर्थात एटीएफ के लिये राज्य सरकार ने भोपाल एवं इंदौर हवाई अड्डों पर ईंधन भरने पर विमानन कम्पनियों को वैट की दर 23 प्रतिशत तय की है तथा भोपाल एवं इंदौर को छोड़कर हवाई अड्डों/हवाई पट्टियों पर ईंधन भरने पर विमानन कम्पनियों से वैट की दर 13 प्रतिशत तय की है लेकिन इन दोनों अलग-अलग दरों के प्रावधान में विमानन कम्पनियां शब्द उल्लेखित हुआ है जिस पर आपत्तियां आई थीं इसलिये अब उक्त दोनों पृथक-पृथक दरों वाले प्रावधान में विमानन कम्पनियां शब्द हटा दिया गया है। इससे अब किसी निजी व्यक्ति के विमानन को भी उक्त दरों पर ही एटीएफ उपलब्ध हो सकेगा। 
ज्ञातव्य है कि शिवराज सरकार ने 1 अप्रैल,2012 से पैट्रोल एवं डीजल के संबंध में मल्टीस्टेज वैट औश्र सड़क मार्ग द्वारा ले जाये माल के भाड़े पर कर लागू करने के पश्चात प्राप्त विभिन्न अभ्यावेदनों में उठाये गये बिन्दुओं के निराकरण हेतु पैट्रोलियम कंपनियों के स्तर पर खुदरा मूल्य पर कर के संग्रहण तथा हल्के,मध्यम एवं छोटे वाहनों को सड़क मार्ग द्वारा ले जाये गये माल के भाड़े को कर के दायरे से पृथक रखने एवं केवल रजिस्ट्रीकृत व्यापारियों और तालिकांकित भवन निर्माताओं से व्यवहार करने वाले परिवहनकत्र्ताओं को, रजिस्ट्रीकरण, करनिर्धारण आदि के दायरे से पृथक रखने हेतु 17 सितम्बर,2012 को मप्र वैट द्वितीय संशोधन अध्यादेश जारी किया था और इसे 1 अक्टूबर,2012 से लागू किया था। चूंकि यह अध्यादेश सिर्फ छह माह ही लागू रह पाता, इसलिये विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इसे विधयेक के रूप में 12 दिसम्बर,2012 को पारित किया गया। विधेयक में अपीलेट बोर्ड के सदस्यों की सेवानिवृत्ति आयु बासठ वर्ष से त्रेसठ वर्ष करने, फर्नीचर से भिन्न माल पर रिबेट देने, मानव रक्त कम्पोनेंट को करमुक्त करने एवं एटीएफ पर वैट के प्रावधान से विमानन कम्पनियां शब्द खत्म करने के अतिरिक्त प्रावधान किये गये तथा इन नये प्रावधानों का अध्याादेश में उल्लेख नहीं था। अब इस विधेयक को राज्यपाल ने मंजूरी प्रदान कर दी है जिससे अब अध्यादेश वाले एवं विधेयक में आये अतिरिक्त प्रावधान लागू हो गये हैं। नया कानून अमलीकृत होने से अब वैट द्वितीय संशोधन अध्यादेश निरस्त हो गया है।

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