सोमवार, 14 जनवरी 2013

रावण प्रवृत्ति को मारो तभी राम विजय होगी: छोटे मुरारी बापू


रावण प्रवृत्ति को मारो तभी राम विजय होगी: छोटे मुरारी बापू
राम विजय के साथ संगीतमयी कथा का भव्य समापन
Bhopal,13 January, 2013: अशोका गार्डन स्थित कुंवर अर्जुन सिंह दशहरा मैदान में आयोजित नौ दिवसीय संगीतमयी रामकथा का बीते रविवार की

 शाम भव्य समापन हुआ। गुजरात से पधारे बाल संत श्री राम गोपाल जी दास महाराज ‘‘छोटे मुरारी बापू’’ ने अपनी ओजमयी वाणी से राम-रावण युद्ध, श्री राम की विजय और अयोध्या में प्रभु श्री राम के  राज्यारोहण का अंतिम प्रसंग सुनाया। कथा के दौरान हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में संत श्री ने रावण वध की पश्चात जैसे ही विजय की घोषणा की सारा पांडाल भगवान रामचन्द्र की जय के नारों से गुंज उठा।
इसके पूर्व टीटीटीआई के पूर्व अध्यक्ष एवं कथा के मुख्य यजमान डॉ. महेन्द्र सिंह चैहान ने सपत्नीक व्यासपीठ पर विराजमान संत श्री की आरती कर उनके चरणों में अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये। वही पूर्णाहूति के मौके पर डॉ. चैहान के साथ उपमन्यु त्रिवेदी, किशोरी लाल कुशवाह, नारायण सिंह ठाकुर और फूल सिंह यादव ने आरती कर संत श्री से आशीर्वाद लिया। अंत में मुख्य यजमान डॉ. महेन्द्र सिंह चैहान ने आयोजन की सफलता पर संत श्री छोटे मुरारी बापू के साथ आयोजन समिति के सदस्यों और हजारों श्रद्धालुओं के प्रति आभार प्रकट किया।
कथा के अंतिम दिन संत श्री ने कहा कि रावण तो मर गया लेकिन समाज में, व्यक्ति के अंदर आज भी रावण की प्रवृत्ति, विचारधारा विद्यमान है। जब हम अपने अंदर के रावण और उसकी विचारधारा केा मार देंगे तभी सच्चे अर्थो में राम विजय होगी। संत श्री ने पांडाल में मौजूद हजारों श्रद्धालुओं से जीवन में धैर्य एवं संयम बरतने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मनुष्य के जीवन में सुख-दुःख आते है इसलिए दुःख के समय धैर्य मन खोना, गलत काम मत करना, साहस रखना, यदि विपत्ति के समय आप रास्ता भटक गये तो आपके जीवन में सुख कभी लौट कर नहीं आयेगा। अंत में कथा के महात्म्य पर प्रकाश डालते हुए संत श्री ने कहा कि नौ दिवसीय राम कथा के दौरान यदि श्रद्धालुओं ने कथा का एक सूत्र भी अपना लिया है तो समझो आपका जीवन धन्य हो गया।

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