शनिवार, 12 जनवरी 2013

भगवान की इच्छा में छिपी रहती है भक्तों की भलाई - छोटे मुरारी बापू


Bhopal,12 January, 2013: यदि कोई काम सफल हो जाए तो यह भगवान की कृपा होती है। अगर असफल हुए तो समझो भगवान की इच्छा थी। इस पर हर्ष-शोक नहीं मनाना चाहिए, क्योंकि भगवान की हर इच्छा में अंततः भक्तों की भलाई ही छिपी रहती हैं। छोटे मुरारी बापू के नाम से विख्यात गुजरात के बाल संत राम गोपाल जी महाराज ने यह बात कहीं। 
अशोका गार्डन स्थित कुंवर अर्जुन सिंह दशहरा मैदान में चल रही नौ दिवसीय रामकथा के आठवंे दिन संत श्री ने श्रद्धालुओं से अहंकार त्यागने का आग्रह किया। उन्होने कहा कि मनुष्य के जीवन में जिस दिन अहंकार आया उसी दिन उसका पतन हो जाता है, इसलिए सफलता मिलने पर ना कहें कि यह काम मैने किया है। इसके स्थान पर ऐसा सोचे कि परमात्मा की कृपा हुई, इसलिए अमुक काम सफल हुआ। 
कथा के दौरान संत श्री एक लोकोक्ति के माध्यम से उपस्थित श्रद्धालुओं को सद्कर्म के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा- ‘‘राम झरोखे बैठकर सबका मुजरा ले, जाकी जैसी चाकरी ताको तैसा दे’’ यानि भगवान अपनी खिड़की से बैठकर समस्त संसार को देख रहे है। जो व्यक्ति जैसा कर्म करेगा उसे वैसा ही फल भगवान प्रदान करेंगे, इसलिए सद्कर्मो के साथ भगवान का भजन करते रहे, आपका कल्याण हो जाएगा। 
इससे पूर्व टीटीटीआई के पूर्व अध्यक्ष एवं कथा के संयोजक डॉ. महेन्द्र सिंह चैहान ने व्यासपीठ पर विराजमान संत श्री की आरती कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। समापन अवसर पर कर्मचारी नेता आर.डी. त्रिपाठी, पूर्व विधायक प्रेमनारायण मिश्रा, फादर अनिल मार्टिन एवं आज के यजमान हेमन्त सिंह परिहार ने आरती कर संत श्री से आशीर्वाद लिया। 
रविवार को रामकथा का आखिरी दिन
कथा के संयोजक डॉ. महेन्द्र सिंह चैहान ने बताया कि रविवार 13 जनवरी को राम कथा का समापन होगा। रावण वध एवं प्रभु श्री राम की विजय के पश्चात शाम 4 बजे पूर्ण आहूति दी जाएगी। 
नोट- 14 जनवरी को दोपहर 3 बजे से विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। 

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