सोमवार, 21 जनवरी 2013

माघी चतुर्थीपर मार्गी होंगे बृहस्पति, 22 साल बाद बन रहा संयोग


उज्जैन, 21 जनवरी 2013 । माघी चतुर्थी के दिन 30 जनवरी को रात्रि 9.15 बजे बृहस्पति मार्गी होंगे। देवगुरु के मार्गी होते ही 12 राशियों के जातकों तथा धर्मक्षेत्र के लिए उन्नाति का क्रम शुरू होगा। इस दिन गणपति की आराधना करने से आर्थिक लाभ, मांगलिक कार्य तथा संपत्ति प्राप्ति के योग भी बनेंगे।
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि इस बार माघ मास के कृष्णपक्ष की संकष्टा चतुर्थी 22 साल बाद विशिष्ट संयोग के साथ आ रही है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र व नक्षत्र मेखला की गणना से देखें तो बुधवार के दिन शोभन योग के साथ चतुर्थी तिथि का संयोग विशिष्ट फल देने वाला रहेगा है।
क्यों खास है दिन
बुधवार व चतुर्थी तिथि के अधिपति स्वयं भगवान गणेश हैं। शोभन योग के अधिपति बृहस्पति हैं, जोइस दिन मार्गी हो रहे हैं। वार, तिथि, योग तथा ग्रह गोचर में बृहस्पति का मार्गी होना शुभ संकेत दे रहा है। इससे धर्म के क्षेत्र में विशेष उन्नाति होगी। संयोग से प्रयाग में कुंभ महापर्व भी चल रहा है। शास्त्रीय मान्यता के अनुसार कुंभ महापर्व पर बृहस्पति के मार्गी होने की साक्षी में विशेष तिथियों पर स्नान शुभ फल प्रदान करेगा।
सुख-समृद्घि के लिए करें
भगवान गणपति को मंगलमूर्ति कहा गया है। इनकी साधना-आराधना रिद्घि-सिद्घि तथा शुभ-लाभ देने वाली है। मनोवांछित फल की कामना रखने वाले जातक चतुर्थी पर गणपति अथर्वशीर्ष तथा गणेश स्तोत्र का पाठ करें। गणेश याग तथा गणपति का मंत्रात्मक अभिषेक सुख-सौभाग्य तथा लाभ प्राप्ति की स्थिति निर्मित करेगा। 

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