गुरुवार, 20 दिसंबर 2012

शादियों में भोजन के अपव्वय पर केन्द्र ने मांगे मप्र से सुझाव

मुख्य सचिव आर परशुराम परीक्षण के बाद भेजेंगे केन्द्र को सुझाव
भोपाल 20 दिसंबर 2012। केन्द्र सरकार ने वैवाहिक समारोहों, पार्टियों और बैठकों के दौरान भोज्य सामग्री के अपव्यय पर मप्र सरकार से सुझाव मांगे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य सचिव आर परशुराम को परीक्षण कर इसका जवाब भेजने की जिम्मेदारी दी है।
केन्द्रीय उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री केवी थामस ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को पत्र लिखकर शादियों,पार्टियों एवं बैठकों में भोज्य सामग्री के अपव्यय पर सुझाव मांगे हैं। दरअसल देश में उक्त आयोजनों में भोज्य सामग्री का काफी अनावश्यक व्यय होता है तथा जिनती जरुरत होती है उससे अधिक भोज्य सामग्री तैयार कर ली जाती है तथा उसका उपभोग नहीं हो पाता है तथा बाद में उसे कचरे के डिब्बे में फैंकना पड़ता है। जबकि देश में करीब 21 करोड़ 40 लाख व्यक्तियों को उचित भोजन नहीं मिल पाता है तथा विश्व का हर तीसरा बच्चा कुपोषण का शिकार है। देश में तीन साल से कम उम्र के 46 प्रतिशत बच्चे माता को सही खान-पान न मिलने के कारण कम वजन के पैदा हो रहे हैं। हाल ही में नई दिल्ली में केन्द्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने शादियों,पार्टियों एवं बैठकों में भोज्य सामग्री के अपव्यय का अध्ययन कराया था तथा उसमें पाया था कि काफी अधिक मात्रा में भोज्य सामग्री कचरे में फैंकी जाती है। रिपोर्ट में असम,मिजोरम,राजस्थान एवं काश्मीर में जारी गेस्ट कंट्रोल आर्डर तथा पाकिस्तान एवं पंजाब राज्य में जारी हुये मेरिज फंक्शन प्रोहिबिशन आफ आस्टेनियस डिस्प्ले एण्ड वेस्टफुल एक्सपेंसेस एकट एवं रुल्स का हवाला भी दिया गया है। 
थामस के पत्र को मुख्यमंत्री चौहान ने मुख्य सचिव आर परशुराम को परीक्षण हेतु सौंप दिया है तथा राज्य के खाद्य विभाग से भी इसके बारे में परामर्श लिया जा रहा है। ज्ञातव्य है कि केन्द्र सरकार भोजन का अधिकार कानून भी बनाने जा रही है तथा उसमें शादियों, पार्टिंयों एवं बैठकों में खाद्य पदार्थों के अपव्यय पर भी रोक लगाने का प्रावधान किया जायेगा।

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