मंगलवार, 27 नवंबर 2012

आदिवासी इलाकों में मेडिकल कॉलेज खोलने जरूरी नहीं 100 बिस्तरों का अस्पताल


भोपाल 27 नवंबर 2012। प्रदेश और देश की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने इंडियन नर्सिंग काउंसिल 14 स्पेशिएलिटी के नर्सिंग कोर्स शुरू करेगा। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के गायनीकोलॉजिस्ट डॉक्टर विहीन अस्पतालों में डिलीवरी शुरू कराने नर्स मिडवाइफ प्रैक्टिशनर्स प्रोग्राम शुरू होगा होगा। यह ट्रेनिंग प्रोग्राम एक साल का होगा। यह जानकारी मंगलवार को इंडियन नर्सिंग काउंसिल के अध्यक्ष टी. दिलीप कुमार ने दी। वे राजधानी में प्रेस क्लब द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि नर्सिंग केरियर बनाने के लिये बल्कि सेवा का माध्यम है तथा केरल जैसे छोटे राज्य में हर घर से एक बालिक नर्सिंग में जा रही है।
टी. कुमार ने बताया कि सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटलों में मरीजों की देखभाल और उनके मेडिकेशन (दवाएं देने) की जिम्मेदारी नर्सिंग स्टाफ की होती है। मेडिकल साइंस में रिसर्च बढऩे के साथ अस्पतालों में डॉक्टर्स अब स्पेशिएलिटी स्किल्ड नर्सों की नियुक्ति कर रहे हैं। इस कारण काउंसिल ने 14 प्रकार के स्पेशिएलिटी नर्सिंग कोर्स तैयार किए हैं, जिनमें अब एडमिशन होना शुरू होंगे।
इसके लिए सभी राज्यों के नर्सिंग कॉलेज संचालकों को नए कोर्सों की जानकारी दे दी गई हैं। जो कॉलेज संचालक इन पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिए आवेदन करेंगे, उन संस्थानों का निरीक्षण कर नए कोर्स संचालित करने की मान्यता दी जाएगी।
कॉलेज खोलने जरूरी नहीं 100 बिस्तर का अस्पताल : 
टी. दिलीप कुमार ने बताया कि काउंसिल ने नए नर्सिंग कॉलेज खोलने के नियमों में संशोधन किया है। नए नियमों में आदिवासी बाहुल्य जिले (जिन्हें सरकार ने घोषित किया हो) में नर्सिंग कॉलेज खोलने के लिए 100 बिस्तर के अस्पताल की बाध्यता समाप्त कर दी गई है।
इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में 40 सीट का नर्सिंग कॉलेज खोलने संस्था के पास 100 बिस्तर का स्वयं का अस्पताल होना अनिवार्य किया गया है। ऐसा हॉस्पिटल्स में नर्सिंग स्टाफ को स्किल्ड बनाने के लिए किया गया है।
नर्सेस को कराना पड़ेगा लाइफ रजिस्ट्रेशन : 
अध्यक्ष टी. दिलीप कुमार ने बताया कि अस्पतालों में कार्यरत नर्सेस को अब पांच साल में एक बार लाइफ रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा। इसके लिए सभी राज्यों की स्टेट नर्सिंग काउंसिल में नर्सिंग रजिस्ट्रेशन सेल बनाई गई हैं। नर्सिंग स्टाफ को रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण कराने के लिए किसी प्रकार का शुल्क जमा नहीं करना पड़ेगा।
रजिस्ट्रेशन सेल में सिर्फ टीचिंग इंस्टीट्यूट (जहां से नर्सिंग की पढ़ाई की है) और अस्पताल (जहां काम कर रही हैं) की जानकारी के दस्तावेजों की कापी जमा कराना पड़ेगी। काउंसिल ने यह प्रावधान नर्सिंग की पढ़ाई के बाद अस्पतालों में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ का सही डेटा जुटाने के लिए किया है।
उन्होंने बताया कि कॉलेज से डिग्री करने के बाद भी नर्सेस को नई मेडिकल रिसर्च की जानकारी मिलती रहे, इसके लिए उन्हें एक साल में 30 घंटे की एजुकेशन एक्टिविटी (नर्सिंग कांफ्रेंस, सेमिनार, रिसर्च पेपर) में शामिल होना अनिवार्य किया है।


- डॉ. नवीन जोशी

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