सोमवार, 21 फ़रवरी 2011

IIT रूडकी लिपस्टिक कांड और राष्ट्रवादियों को एक सलाह


अमूमन ऐसा माना जाता है कि IIT में आने वाले छात्र भारत के सबसे बेहतरीन दिमाग वाले बच्चे होते हैं, क्योंकि वे बहुत ही कड़ी प्रतिस्पर्धा करके वहाँ तक पहुँचते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि यहाँ से निकले हुए प्रतिभाशाली दिमाग अपने नये-नये आईडियाज़ से देश और समाज को लाभान्वित करने के प्रकल्पों में लगायेंगे। जिन लोगों ने IIT रुड़की के छात्रों को टीवी पर “लिपस्टिक लगाओ प्रतियोगिता” में भाग लेते देखा होगा, उनकी कुछ धारणाएं अवश्य खण्डित हुई होंगी।

जिन लोगों ने IIT के “प्रतिभाशाली” छात्रों के “पुण्य प्रताप” नहीं देखे या इस बारे में नहीं जानते होंगे, उन्हें बताना जरुरी है कि रुड़की स्थित IIT के छात्रों ने कॉलेज में एक प्रतियोगिता आयोजित की थी, जिसे लिपस्टिक लगाओ प्रतियोगिता कहा गया। इसमें लड़कों ने मुँह में लिपस्टिक दबा रखी थी और उसे सामने वाली लड़की के होंठों पर उसे ठीक से लगाना था (मुझे यह नहीं पता कि यह “प्रतिभाशाली” आइडिया किस छात्र का था, किस शिक्षक का था या किसी आयोजन समिति का था), ऐसा “नावीन्यपूर्ण” आइडिया किसी IITian के दिमाग में आया होगा इस बात पर भी मुझे शक है… बहरहाल आइडिया किसी का भी हो, IIT रुड़की में जो नज़ारा था वह पूर्ण रुप से “छिछोरेपन” की श्रेणी में आता है और इसमें किसी भी सभ्य इंसान को कोई शक नहीं है।
21-2=2011

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