झारडा के किसान ने की आत्महत्या
उज्जैन, 02 फरवरी 2011 (डॉ. अरुण जैन)। कछालियाचांद के 50 वर्षीय किसान लालाराम पिता नागूलाल ने मंगलवार सुबह 11 बजे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सूचना मिली थी कि फसल बर्बादी के चलते किसान ने यह कदम उठाया। मगर बुधवार को किसान की मौत के कारणों की जांच की गई तो उसके मानसिक रूप से अस्थिर होना सामने आया। बुधवार शाम मौके पर पहुंची कलेक्टर डॉ.एम.गीता ने मृतक किसान के परिजनों से भी चर्चा की। मृतक के पुत्र शिवलाल ने बताया कि उनके पास 19 बीघा जमीन है मगर इस दफे उसमें कोई फसल ही नहीं बोई जिससे पाले से फसल को नुकसान होने का कोई सवाल नहीं है। उसने यह भी जानकारी दी कि उन्होंने समीप के गांव लालगढ़ में 50 बीघा जमीन पर बंटाई के आधार पर रबी फसल बोई है जिसमें कोई नुकसान नहीं हुआ है।ं गांव के सरपंच नारायणसिंह, रहवासी दरबारसिंह ने भी पाले के कारण किसान के आत्महत्या करने से इनकार करते हुए कहा कि उनका गांव में न तो किसी से विवाद था और न ही कोई कर्ज लिया था। कलेक्टर ने मृतक किसान के बेटे को गांव मे चौकीदार की नौकरी देने का आश्वासन भी दिया है।
पुलिस व प्रशासन का परिजनों पर दबाव - महिदपुर तहसील में फसलों के नुकसान का निरीक्षण करने निकले सांसद प्रेमचंद्र गुड्डू ने आरोप लगाया कि मृतक लालाराम के परिजनों पर प्रशासन व पुलिस के आला अधिकारी दबाव बना रहे है और डंडे के बल पर उनसे कहलवाया जा रहा है कि मृतक का मानसिक संतुलन ठीक नही था और इसी वजह से उसने आत्महत्या की है जबकी वास्तविकता यह है कि लालाराम पर डेढ़ लाख रूपए का कर्ज था और फसल बर्बाद होने से वह दु:खी था इसलिए उसने ?सा कदम उठाया है। सांसद ने सवाल उठाया कि मृतक किसान गांव की चौकीदारी कर रहा था तो वह अचानक मानसिक रूप से असंतुलित कैसे हो गया। सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन ने परिजनों को नौकरी देने का प्रलोभन देकर मनमाफिक बयान दिलवाया है। उन्होंने मामले की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की भी मांग की।
बडऩगर में हुई आत्महत्या को दबाया - बकौल सांसद पांच दिन पूर्व बडऩगर के ग्राम मालपुरा के कृषक भैरूलाल गायरी ने भी कर्ज व फसल बर्बादी के कारण आत्महत्या कर ली थी। उस दौरान भी प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले को रफा दफा करवा दिया। ऐसा कर प्रशासनिक मशीनरी अन्नदाताओं के साथ धोखाधड़ी कर रही है।
कलेक्टर डॉ.एम.गीता ने बताया कि किसान ने फसल नुकसानी के चलते आत्महत्या नहीं की है। परिजनों ने भी इससे इनकार किया है। किसान के दिमागी रूप से ठीक नहीं होने की बात सामने आई है।
Date: 03-02-2011
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