देश का प्रतिबिम्ब होते हैं जनगणना के आँकड़े
जनगणना-2011 विषय पर राज्य स्तरीय मीडिया कार्यशाला सम्पन्न
भोपाल 4 फरवरी 2011। आगामी 9 फरवरी से शुरू हो रहे जनगणना-2011 के दूसरे चरण के बारे में लोगों में जागरूकता लाने तथा इस महत्वपूर्ण कार्य में मीडिया की सहभागिता के उद्देश्य से आज एक राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन भोपाल में हुआ। इस अवसर पर समाचार पत्र, पत्रिकाओं, टी.वी. चैनलों और जनसंचार संस्थाओं के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद थे। यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों से जनगणना के संबंध में जनमानस में व्याप्त विभिन्न भ्रांतियों को दूर करने में सहयोग का आव्हान किया गया। इसके साथ ही जनगणना में कोई भी व्यक्ति छूट नहीं पाये यह संदेश समाज के लोगों तक निरंतर पहुँचाने के बारे में आग्रह किया गया है।राज्य स्तरीय मीडिया कार्यशाला का शुभारंभ सचिव, गृह श्री चन्द्रहास दुबे ने किया। उन्होंने जनगणना के महत्व से अवगत कराते हुये कहा कि देश के संतुलित विकास के लिये सुनियोजित रणनीति जरूरी है। जनगणना-2011 के माध्यम से देश के विकास से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर जानकारियां संकलित करने में मदद मिल सकेगी। श्री चन्द्रहास दुबे ने कहा कि राष्ट्र के विकास में मीडिया का योगदान महत्वपूर्ण है और जनगणना की गुणवत्ता तथा समाज में जागरूकता लाने में मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। गृह सचिव श्री दुबे ने कहा कि जनगणना के आँकड़े गोपनीय होते हैं। यह जानकारी आम लोगों तक पहुँचायी जाना आवश्यक है। मीडिया के माध्यम से समुचित प्रचार-प्रसार द्वारा लोगों को यह प्रेरणा मिलेगी कि वह जनगणना के लिये आने वाले प्रगणकों को अपने परिवार के संबंध में पूछे जाने वाले प्रश्नों की सही-सही जानकारी दें।कार्यशाला में निदेशक जनगणना कार्य निदेशालय मध्यप्रदेश श्री सचिन सिन्हा ने जानकारी दी कि जनगणना के प्रथम चरण में उन क्षेत्रों की पहचान की गई है जहां लोग रहते हैं। आगामी 9 फरवरी से 28 फरवरी तक आयोजित जनगणना के दूसरे चरण में अब सभी व्यक्तियों की पहचान कर उनका नाम दर्ज करने की कार्यवाही की जायेगी। श्री सिन्हा ने बताया कि कोई भी व्यक्ति वे घर में रहते हों या बेघर लोग हों सभी की गिनती होगी। आपने बताया कि यह अनुमान है कि देश की जनसंख्या 120 करोड़ तक पहुँच सकती है। इसी तरह मध्यप्रदेश की जनसंख्या 7 करोड़ तक पहुँचने का अनुमान है। आपने कहा कि जनगणना के आँकड़े देश का प्रतिबिम्ब होते हैं और जनगणना से प्राप्त तथ्यों के आधार पर ही आने वाले दस वर्षों के लिये राष्ट्र के विकास की नीतियां तय होंगी। श्री सिन्हा ने बताया कि इस बार नि:शक्तजनों के संबंध में सही जानकारी प्राप्त करने पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। पिछली जनगणना में देश में जनसंख्या का कुल दो प्रतिशत नि:शक्तजन थे। इस बार जनगणना से मिली जानकारियों के आधार पर नि:शक्तजनों की शिक्षा, रोजगार और पुनर्वास के लिये कार्यक्रमों के सुचारू निर्धारण और क्रियान्वयन में मदद मिल सकेगी।
मीडिया प्रतिनिधियों के समक्ष प्रस्तुत प्रभावी वीडियो प्रजेंटेशन के माध्यम से श्री सचिन सिन्हा ने जनगणना के दूसरे चरण के लिये निर्धारित व्यवस्थाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्रत्येक ग्राम के लिये ग्राम जनगणना समितियां बनाई गई हैं, जो अपने ग्राम की जनगणना योजना बनाकर अपने क्षेत्र के प्रगणकों को इस कार्य में समुचित योगदान करेंगी। इसी तरह शहरी क्षेत्र में प्रत्येक वार्ड की जनगणना समिति का गठन किया गया है। श्री सिन्हा ने बताया कि जनगणना के प्रति समाज में संदेश पहुँचाने के लिये सुप्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी श्री सचिन तेंदुलकर और सिने तारिका सुश्री प्रियंका चौपड़ा को नेशनल एम्बेसेडर बनाया गया है। इसी तरह प्रसिद्ध लेखक और शायर श्री गुलज़ार तथा टी.वी. सीरियल की प्रसिद्ध अभिनेत्री सुश्री दिव्यंका त्रिपाठी को मध्यप्रदेश की जनगणना के लिये राज्य एम्बेसेडर बनाया गया है।
जनगणना कार्य में यूनिसेफ के योगदान पर चर्चा करते हुये सुश्री वीना बंदोपाध्याय ने बताया कि यूनिसेफ द्वारा बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन किया जा रहा है। जनगणना से प्राप्त आँकड़े अगले एक दशक के लिये बच्चों के विकास के विभिन्न कार्यक्रमों के लिये दिशा तय करने में मददगार होंगे। कार्यशाला में मीडिया प्रतिनिधियों की विभिन्न जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया। इस कार्यशाला में अपर संचालक जनसंपर्क सुरेश तिवारी, प्रेस इन्फॉरमेंशन ब्यूरो के उप निदेशक अजय चतुर्वेदी, यूनिसेफ के अनिल गुलाटी, तथा आरूषि संस्था के रोहित त्रिवेदी और अनिल मुद्गल ने भी भागीदारी की।
Date: 04-02-2011 Time: 17:52:29
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