कुक्षी-सोनकच्छ में माहौल गरमाया, प्रचार तेज
भोपाल, १ फरवरी 2011 । सत्तारूढ़ दल कांग्रेस और भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुकी कुक्षी और सोनकच्छ विधानसभा सीट के लिए चुनावी माहौल तेजी से गरमाने लगा है। इसी के साथ ही दोनों दलों द्वारा चुनाव प्रचार में कूदने के कारण प्रचार अभियान भी तेज हो गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की निगाह उक्त विधानसभा क्षेत्रों पर है। दोनों दलों के इंदौर संभाग के नेता और कार्यकर्ता कुक्षी और सोनकच्छ में डेरा डालकर प्रचार की कमान संभाल चुके हैं। ज्ञात हो कि गत विधानसभा चुनाव में कुक्षी और सोनकच्छ सीट पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का कब्जा था, जो जीत का सिलसिला बरकरार रखने के लिए एडी-चोटी का जोर लगा रही है। वहीं भाजपा दोनों ही क्षेत्रों में फिर से मात खाना नहीं चाहती। धार, झाबुआ, खरगोन, बड़वानी और आलीराजपुर जिले के कार्यकर्ताओं की फौज के साथ पार्टी ने इंदौर के आधे से ज्यादा नेताओं को कुक्षी भेज दिया है। इसमें मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राज्यमंत्री महेंद्र हार्डिया, विधायक रमेश मेंदोला, पूर्व विधायक उषा ठाकुर, महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष मुद्रा शास्त्री समेत कई कार्यकर्ता शामिल हैं। नगर अध्यक्ष शंकर लालवानी, विधायक सुदर्शन गुप्ता, पूर्व विधायक गोपीकृष्ण नेमा सहित कई कार्यकर्ता सोनक'छ क्षेत्र में स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ बूथ मैनेजमेंट में जुटे हैं। उधर कांग्रेस नेताओं ने भी सोनक'छ में डेरा डाल रखा है। शहर अध्यक्ष प्रमोद टंडन के साथ विधायक तुलसी सिलावट, सत्यनारायण पटेल, पूर्व विधायक रामलाल यादव, अंतरसिंह दरबार, जीतू पटवारी, रघु परमार, अर्चना जायसवाल,नरेंद्र सलूजा समेत कई कार्यकर्ताओं ने मोर्चा संभाला है।
दांव पर प्रतिष्ठा, टिकट वितरण में परिवारवाद हावी
टिकट वितरण में दोनों प्रमुख दलों में परिवारवाद हावी रहा। भाजपा ने कुक्षी में महिला बाल विकास रा'यमंत्री रंजना बघेल के पति मुकामसिंह किराडे तो कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष रहीं स्वर्गीय जमुनादेवी की भतीजी निशा सिंघार को टिकट दिया। सोनक'छ में भी दोनों दलों के सामने यही मजबूरी रही। पूर्व सांसद फूलचंद वर्मा के बेटे राजेंद्र वर्मा को भाजपा ने टिकट दिया, जबकि कांग्रेस ने सांसद स'जनसिंह वर्मा के ममरे भाई अजरुन वर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया। ऐसे में पार्टी के साथ चारों उम्मीदवारों के परिवार की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। एक ओर सांसद स'जन वर्मा तो दूसरी ओर रा'यमंत्री रंजना बघेल के सामने कडी चुनौती है।
-हिन्दुस्थान समाचार
Date: 01-02-2011
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें