सोमवार, 17 जनवरी 2011

सरेआम लूट में लगे पुलिसकर्मियों पर नहीं हो रही कार्रवाई

हरदा > एक शराब ठेकेदार को झूठे प्रकरण में फंसा देने की धमकी दी और उससे लाखों रुपए ऐंठ लिए। बाद मेंं ठेकेदार ने हिम्मत कर ऐसी हिमाकत करने वाले पुलिसकर्मियों को शिकायत की तो उनकी जांच हुई। जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है और वे ड्यूटी बजा रहे हैं। करीब ६ माह पहले खिरकिया के शराब ठेकेदार कमलसिंह से हरदा थाने के आरक्षक वहीद खान, प्रमोद गौतम, उमेश रघुवंशी और विजय जाट ने डरा-धमकाकर लाखों रुपए झटक लिए थे। चारों पुलिस कर्मियों ने कमलसिंह की गाड़ी में जबरन शराब रखकर केस में फंसा देने की धमकी दी और थोड़ी ही देर में असलियत पर उतर आए। ठेकेदार से सीधे-सीधे ४ लाख रुपए मांगे गए। बात २ लाख रुपए में तय हो गई और चारों पुलिसकर्मियों ने खिरकिया की शराब दुकान जाकर २ लाख रुपए ले लिए। बाद में ठेकेदार कमलसिंह ने इस मामले की शिकायत आईजी और एसपी को कर दी।

जांच के बाद जांच

मामले की जांच के लिए एसडीओपी अखिलेश रैनवाल को अधिकृत किया गया। एसडीओपी श्री रैनवाल ने जांच की और चारों पुलिसकर्मियों को इस मामले में दोषी भी पाया। इसके बाद भी चारों पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई भी नहीं की गई है। ऐसे में पुलिसकर्मियों की हिमाकत बढ़ती जा रही है और इनके अन्य साथी भी ऐसी ही हरकतों पर उतर आए हैं। हाल ही में सब इंस्पेक्टर ज्ञानू जायसवाल और आरक्षक लाला पर भी ऐसी ही रिश्वतखोरी का इल्जाम लगा है जिसकी जांच की जा रही है।

जांच में चारों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए थे हालांकि मेरी जांच प्रारंभिक जांच थी। विभागीय प्रक्रिया के अनुसार प्रारंभिक जांच के बाद विभागीय जांच का भी प्रावधान है।

अखिलेश रैनवाल एसडीओपी हरदा



इस मामले में विभागीय जांच चल रही है। इस जांच के बाद दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

आरएस उइके, एसपी हरदा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें