बुधवार, 26 जनवरी 2011

राज्यपाल श्री ठाकुर द्वारा प्रदेशवासियों से विकास में सक्रिय सहभागिता का आव्हान

राज्यपाल श्री ठाकुर द्वारा प्रदेशवासियों से विकास में सक्रिय सहभागिता का आव्हान

मध्यप्रदेश में खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के ठोस प्रयास, मध्यप्रदेश देश की ऊर्जा राजधानी बनने की ओर अग्रसर, प्रदेश में गणतन्त्र दिवस समारोह पूर्वक सम्पन्न
Bhopal: Wednesday, January 26, 2011:


राज्यपाल श्री रामेश्वर ठाकुर ने आज यहां लालपरेड मैदान पर आयोजित 62वें गणतंत्र दिवस समारोह में प्रदेशवासियों का आव्हान किया है कि देश और प्रदेश के विकास में अपनी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करें। राज्यपाल ने कहा कि आज का दिन आजादी दिलाने वाले अमर शहीदों को नमन करते हुए राष्ट्र के नव-निर्माण के लिए संकल्पित होने का शुभ अवसर है।

राज्यपाल श्री ठाकुर ने प्रदेश की जनता को बताया कि मध्यप्रदेश में खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने की दिशा में निरंतर ठोस प्रयास किये जा रहे हैं। वर्ष 2010-11 में 325 योजनाएं पूरी कर लगभग 45 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता का विस्तार किया गया। वर्षों से गंभीर सूखे की स्थिति से जूझ रहे बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सिंचाई सुविधाएं बढ़ाने के लिये विशेष केन्द्रीय सहायता के अंतर्गत एक हजार 118 करोड़ रूपये की कार्ययोजना स्वीकृत की गई है। इसके तहत वर्तमान में 262 परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है। त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत बाणसागर, सिंध, राजीव सागर, बरयारपुर, बायीं तट नहर, माही, गुलाब सागर और पेंच परियोजनाओं को वर्ष 2013 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इनके पूर्ण होने पर 4 लाख 64 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता निर्मित होगी। मध्यप्रदेश में कृषि योजनाओं के तहत मिलने वाले अनुदान की राशि किसानों के खाते में सीधे जमा करने की व्यवस्था की गई है। श्री ठाकुर ने बताया कि गेहूँ की खरीदी पर 100 रूपये प्रति क्विंटल और धान की खरीदी पर 50 रूपये प्रति क्विंटल बोनस देने वाला मध्यप्रदेश देश का इकलौता राज्य है।

राज्यपाल श्री ठाकुर ने कहा कि हाल ही में अत्यधिक सर्दी और पाले के कारण प्रदेश में फसलों को काफी क्षति पहुंची है। यह एक प्राकृतिक आपदा है और इसमें प्रभावितों को सहायता और राहत देने तथा भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर किसानों को इससे अधिक सक्षमता से निपटने में समर्थ बनाने की जिम्मेदारी शासन की होती है। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि राज्य सरकार ने इसके लिये प्रभावी कदम उठाये हैं। आगामी वित्तीय वर्ष से किसानों को एक प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। साथ ही प्रभावित किसानों का लगान माफ किया गया है। इस वर्ष के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा। किसानों को खाद और बीज पर अनुदान तथा ऋण भी दिया जायेगा। साहूकारों की मनमानी पर लगाम लगाने के ठोस कानूनी उपाय किये जा रहे हैं। प्रभावित किसानों को तात्कालिक सहायता देने के लिये 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है। इन सभी उपायों से निश्चित ही प्रभावित किसानों को बहुत राहत और सहायता मिलेगी।

राज्यपाल श्री रामेश्वर ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि मुझे यह बताते हुये प्रसन्नता हो रही है कि मध्यप्रदेश अब बिजली के मामले में न केवल आत्मनिर्भर बल्कि देश की 'ऊर्जा राजधानी' बनने की ओर अग्रसर है। आगामी तीन वर्षों में स्थापित विद्युत क्षमता में लगभग 5 हजार मेगावॉट की बढ़ोत्तरी हो जायेगी। राज्य में ताप विद्युत परियोजना की स्थापना के लिये निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए एक नीति जारी की गई है। इसके तहत 49 निजी कम्पनियों द्वारा परियोजना स्थापना के लिये राज्य शासन के साथ करारनामों पर दस्तखत किये गये हैं। इनके क्रियान्वयन से प्रदेश में बिजली की उपलब्धता बढ़ेगी। श्री ठाकुर ने जानकारी दी कि मध्यप्रदेश में 4 हजार 150 करोड़ रूपये की महत्वाकांक्षी फीडर विभक्तिकरण परियोजना लागू की गई है। सागर जिले में इसके पायलेट प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया जा चुका है। इससे वर्ष 2012 तक ग्रामीण परिवारों को 24 घंटे तथा सिंचाई कार्यों के लिये पर्याप्त बिजली मिलने लगेगी। कृषि पम्प उपभोक्ताओं को बिजली की दरों में राहत दी जा रही है।

राज्यपाल श्री ठाकुर ने कहा कि यह हर्ष की बात है कि मध्यप्रदेश में शासन और जनता की दूरी को पाटने के लिये निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। इस कड़ी में लोक सेवा प्रदाय गारंटी कानून बहुत प्रभावी कदम है। इस कानून के तहत अभी तक तीन माह की अवधि में लगभग 5 लाख आवेदनों पर लोक सेवाएं समय सीमा में प्रदाय की गई है । राज्यपाल ने प्रदेश में गरीबों को हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ सुलभता से पहुँचाने के लिये जिलों में अंत्योदय मेलों के आयोजन को प्रशंसनीय कदम बताया। श्री ठाकुर ने भ्रष्टाचार की खबरों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस पर प्रभावी अंकुश के लिये मध्यप्रदेश सरकार ने अनुकरणीय पहल करते हुये विशेष न्यायालय गठित करने और भ्रष्टाचार के जरिए सम्पत्ति अर्जित करने वाले लोक सेवकों की सम्पत्ति को राजसात करने का निर्णय लिया है।

राज्यपाल श्री रामेश्वर ठाकुर ने कहा कि विकास दर में वृद्धि के लिये उद्योगों को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है। प्रसन्नता का विषय है कि मध्यप्रदेश में अधोसंरचना के विकास पर विशेष ध्यान दिये जाने के फलस्वरूप अब देश और दुनिया के विभिन्न भागों से निवेशक और उद्योगपति मध्यप्रदेश में निवेश करने के इच्छुक हैं। हाल ही में खजुराहो में सम्पन्न इन्वेस्टर्स समिट में 2 लाख 44 हजार करोड़ रुपये के निवेश के लिये करारनामों पर दस्तखत किये गये। उद्योगों के लिये प्रदेश में लगभग 16 हजार हेक्टेयर भूमि चिन्हित कर लैण्ड बैंक संधारित किया गया है। राज्यपाल ने बताया कि प्रदेश में स्थापित होने वाले उद्योगों में स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिले इसकी व्यवस्था की गई है। उद्योग नीति में प्रदेश में स्थापित उद्योगों में 50 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को देने का प्रावधान किया गया है। स्थानीय युवाओं को रोजगार के लिये सक्षम बनाने के उद्देश्य से प्रदेश में औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्रों का जाल बिछाया जा रहा है। तकनीकी संस्थाओं के उन्नयन और संचालन के लिये निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड में कौशल उन्नयन केन्द्र की स्थापना की जा रही है।

राज्य सरकार ने प्रदेश के समग्र विकास के लिए सात प्राथमिकताएं चिन्हित की हैं, जिनकी पूर्ति के लिए समयबद्व कार्यक्रम के अनुसार कार्य किया जा रहा है। स्वर्णिम मध्यप्रदेश की संकल्पना को साकार करने के लिए विधानसभा के विशेष सत्र में संकल्प 2010 के रुप में 70 संकल्प भी पारित किए गए जिन्हें तेजी से मूर्त्त रुप दिया जा रहा है। सरकार के निरंतर प्रयासों से मध्यप्रदेश अब देश के तेजी से विकसित होते राज्यों की श्रेणी में है। विगत दो वर्षों से राज्य की विकास दर राष्ट्रीय औसत से अधिक बनी हुई है।

सड़कों को विकास की धमनियां निरूपित करते हुए राज्यपाल ने बताया कि मध्यप्रदेश में सड़कों के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया गया है। सभी संभागीय मुख्यालयों को चार लेन सड़कों तथा जिला मुख्यालयों को दो लेन सड़कों से जोड़ा जा रहा है। दो संभागीय मुख्यालयों को चार लेन सड़कों द्वारा और 48 जिला मुख्यालयों को भी दो लेन सड़कों से जोड़ा गया है। पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप के माध्यम से सड़क निर्माण में मध्यप्रदेश अग्रणी बना हुआ है। इसके तहत सात नयी परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं। एशियन विकास बैंक परियोजना के तीसरे चरण में 15 राज्य मार्गों का कार्य शुरू किया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि इस वर्ष प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 5 हजार 10 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण कार्य पूरा किया गया है। जो गाँव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डों में नहीं आते उनके लिये मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू की गई है। इसके अंतर्गत प्रदेश के 9 हजार 109 गांवों को बारहमासी सड़कों से जोड़ने के लिए 19 हजार किलोमीटर से अधिक लम्बी सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। गाँव में बनने वाली सड़कों का लाभ पूरी तरह पहुँचाने के लिये मध्यप्रदेश में ग्रामीण परिवहन सेवा शुरू की गई है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को और गति मिलेगी।

स्कूली शिक्षा को व्यक्ति के भविष्य की बुनियाद निरूपित करते हुए राज्यपाल श्री रामेश्वर ठाकुर ने बताया कि मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिये शिक्षकों की भर्ती की गई है और यह क्रम जारी है। अध्यापक संवर्ग के लिये अंशदायी पेंशन लागू करने का निर्णय लिया गया है। स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये पहली से 12वीं कक्षा तक पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को नि:शुल्क पाठयपुस्तकें दी जा रही हैं। नि:शुल्क साइकिल योजना के अन्तर्गत इस वर्ष 2 लाख 70 हजार ग्रामीण बालिकाओं को यह सुविधा दी जायेगी। श्री ठाकुर ने जानकारी दी कि अगले वर्ष से कक्षा 8 तक के बालकों को भी दो जोड़ी गणवेश तथा अब दूसरे गाँव में पढ़ने जाने वाले बालकों को भी नि:शुल्क साइकिल दी जायेगी। सामान्य निर्धन वर्ग के 60 हजार विद्यार्थियों को इस वर्ष डेढ़ करोड़ रूपये छात्रवृत्ति के रूप में दिये गये हैं। इन सभी उपायों के चलते स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में और सुधार आया है। श्री ठाकुर ने जानकारी दी कि प्रदेश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को विशेष महत्व दिया गया है। सकल पंजीयन अनुपात में वृद्धि के लिये 65 नवीन निजी महाविद्यालय खोलने की अनुमति दी गई है। गांव की बेटी और प्रतिभा किरण योजनाओं से प्रतिभावान बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन मिल रहा है। उन्होंने बताया कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में अभिनव प्रयोग किये गये हैं। इस वर्ष ऑनलाइन काउंसलिंग के फलस्वरूप तकनीकी महाविद्यालयों में सुगमता से और अधिक संख्या में प्रवेश हुये हैं।

प्रदेश में अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण के कार्यों का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने बताया कि इन वर्गों के विद्यार्थियों के लिये गुणवत्तायुक्त शिक्षा, प्रशिक्षण एवं रोजगार के लिये कारगर योजनाएं लागू की गई हैं। विशेष पिछड़ी जनजातियों के सभी आवासहीन परिवारों को आने वाले तीन वर्षों में आवास सुविधा उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है। विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्धघुमक्कड़ जातियों के विकास के लिये अलग विभाग गठित करने का निर्णय लिया गया है। मदरसा शिक्षा के आधुनिकीकरण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश की प्रशंसा की गयी है।

मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं एवं माताओं तथा बच्चों के स्वास्थ्य सुधार के लिये किये जा रहे प्रायासों की जानकारी देते हुए राज्यपाल श्री रोश्वर ठाकुर ने बताया कि संस्थागत प्रसव की संख्या वर्ष 2005-06 में संस्थागत प्रसव 26 प्रतिशत थी जो अब बढ़कर 81 प्रतिशत हो गई है। इससे शिशु और मृत्यु दर को कम करने में मदद मिली है। इससे शिशु मृत्यु दर कम करने के लिये 22 जिला चिकित्सालयों में नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई स्थापित की गई हैं। इन इकाईयों के माध्यम से 37 हजार से भी अधिक नवजात शिशुओं का जीवन बचाया जा सका है। आयुष सुविधाओं को प्रोत्साहित करने में 200 नवीन आयुष औषधालय प्रारंभ किये जा रहे हैं। बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिये अधिक समन्वित और कारगर प्रयास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अटल बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन प्रारंभ किया गया है। इसके अंतर्गत कुपोषण दूर करने संबंधी नौ घटकों पर अधिक समन्वय के साथ प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में 5 वर्ष आयु तक के अधिक कुपोषण प्रभावित बच्चों की पहचान कर उन्हें पोषण पुर्नवास केन्द्रों में रखकर उपयुक्त आहार दिया जाता है। प्रदेश में ऐसे 234 पोषण पुर्नवास केन्द्र संचालित हैं।

राज्यपाल श्री रामेश्वर ठाकुर ने प्रदेशवासियों को बताया कि प्रदेश में महिला सशक्तीकरण कार्य को पूरी निष्ठा के साथ किया जा रहा है। कन्या जन्म और बालिकाओं के प्रति समाज के दृष्टिकोण में सकारात्मक बदलाव लाने के लिये शुरू की गई लाड़ली लक्ष्मी योजना को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। अभी तक प्रदेश में 6 लाख 25 हजार बालिकाओं को इसका लाभ मिल चुका है। महिला सशक्तीकरण की दिशा में प्रभावी कदम उठाते हुए स्थानीय निकायों में महिलाओं के आरक्षण महिला सशक्तिकरण पर सकारात्मक प्रभाव दिखाई देने लगा है।

श्री रामेश्वर ठाकुर ने कहा कि साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में मध्यप्रदेश की देश और दुनिया में विशिष्ट पहचान है। इस पहचान को और अधिक बढ़ाने के निरंतर उपाय किये जा रहे हैं। साहित्यकारों और कलाकारों को दी जाने वाली सम्मान राशि दोगुना बढ़ाई गई है। भोपाल में नाट्य विद्यालय, खयाल केन्द्र और फिल्म सिटी की स्थापना की योजना तैयार की गई है। पुरातत्वीय संपदा के संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है। प्रदेश में आयोजित होने वाले मेला-उत्सवों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये मेला प्राधिकरण का गठन किया जा रहा है।

राज्यपाल ने जानकारी दी कि राज्य सरकार प्रदेश के मजदूरों तथा कमजोर एवं असंगठित वर्ग के लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्व है। सरकार द्वारा खेतिहर मजदूरों, निर्माण श्रमिकों, मंडी हम्माल एवं तुलावटियों, हाथ ठेला तथा साईकल रिक्शा चालकों तथा घरों में काम करने वाली बहनों को विवाह सहायता, प्रसूति सहायता, छात्रवृत्ति सहायता, बीमारी सहायता, दुर्घटना अथवा मृत्यु की दशा में सहायता तथा अंत्येष्ठि हेतु अनुग्रह सहायता प्रदाय की जा रही है। अब इस व्यवस्था को और प्रभावी तथा परिणाममूलक बनाने के उद्देश्य से इनका एकीकरण कर 'समग्र सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम' प्रारंभ किया जा रहा है।

राज्यपाल श्री ठाकुर ने जानकारी दी कि सभी महत्वपूर्ण विभागों में ई-गवर्नेंस के प्रभावी उपयोग से पारदर्शिता और दक्षता बढ़ी है। सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ दिलाने के पुरजोर प्रयासों के परिणामस्वरुप मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। सभी महत्वपूर्ण विभागों में ई- गवर्नेस का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रदेश में स्टेट डेटा सेंटर भी स्थापित किया जा रहा है। योजनाओं की जानकारी देने तथा जन शिकायतों के निराकरण में कॉल-सेंटर तथा जन सुविधा केंद्र प्रभावी सिद्व हुए हैं। शासकीय कार्यालयों में साप्ताहिक जनसुनवाई की व्यवस्था से नागरिकों की समस्याओं के समाधान में बहुत मदद मिली है।

राज्यपाल श्री रामेश्वर ठाकुर ने कहा कि मध्यप्रदेश के लिये यह गर्व की बात है कि यहां सर्वधर्म समभाव, शांति, एकता और सौहार्द्र की परम्परा हमेशा अक्षुण्ण रही है। हर परिस्थिति और हर हाल में यहां के विवेकशील और शांतिप्रिय नागरिकों ने एकता और भाईचारे को हमेशा कायम रखा है, जिसके लिये वे बधाई और सराहना के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि यह उत्साहजनक बात है कि मध्यप्रदेश के विभिन्न अंचलों में रहने वाले लोगों के बीच भावनात्मक एकता तथा मध्यप्रदेश की पहचान को और अधिक मजबूत करने के संदेश को सभी लोगों ने गहराई से आत्मसात किया है। राज्यपाल श्री रामेश्वर ठाकुर ने कहा कि मध्यप्रदेश भारत का हृदय स्थल है। मुझे इस बात पर गर्व है कि इस हृदय प्रदेश में लोकतंत्र की जड़ें काफी मजबूत हैं और विभिन्न सांस्कृतिक धाराओं का संगम यहां मिलता है। सही अर्थों में मध्यप्रदेश भारत का लघु स्वरूप है।

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