सोमवार, 17 जनवरी 2011

बांदा रेप कांड: सुप्रीम कोर्ट ने दिया दखल, 21 को सुनवाई


बांदा. बांदा बलात्कार कांड में सुप्रीम कोर्ट ने दखल देते हुए सुनवाई करने का निर्णय लिया है। मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मामले में संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई करने का निर्णय लिया है। कोर्ट ने इस बारे में 21 जनवरी की तारीख तय की है।

जेल की वार्डन को मुंह बंद रखने की धमकी

बांदा जेल की वॉर्डन शहनाज ने दलित लड़की से बलात्कार के मामले में एक सनसनीखेज दावा करते हुए कहा है कि जिले के आला पुलिस अधिकारियों, जेल अधिकारियों और नरैनी से विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी के बीच सांठगांठ है और पूरे मामले को दबाने की कोशिश की गई है। विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी के मामले में सीआईडी की रिपोर्ट आने से ठीक पहले हटाई गईं, महिला वॉर्डन शहनाज बेगम ने कहा है कि उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है। सीनियर अफसर के साथ-साथ विधायक भी उसे धमकी दे रहे हैं।

शहनाज का कहना है, 'विधायक ने मुझे धमकाया है कि जांच के दौरान मैंने उनके खिलाफ जो आरोप लगाए हैं, उन्हें वापस ले लूं नहीं तो वे मुझे जान से मार देंगे। शहनाज ने कहा कि मुझे ऐसी धमकी दी जा रही है कि तुमने अधिकारियों को जो भड़काया है और अधिकारियों से जो कहा है उसे वापस लो और मुझे किसी भी तरह से बचाओ नहीं तो तुम्हें जीने नहीं देंगे, तुम्हें सस्पेंड कर देंगे और तुम्हें ड्यूटी नहीं करने देंगे।'

वॉर्डन शहनाज बेगम ने कहा है, ' मुझे धमकी मिली थी कि मैं पुलिस के सामने अपना मुंह बंद रखूं। लेकिन मैंने इनकार कर दिया। मैंने तो वही कहा, जो लड़की ने मुझसे कहा था। ' शहनाज ने कहा है सीनियर अफसर भी मुझे धमका रहे हैं। सीनियर अफसर ने उन्हें ऑफिस से निकाल दिया है और अब वे उनका जेल फार्म में ट्रांसफर करने में लगे हुए हैं। यह पोस्टिंग सजा के तौर कर्मचारियों को दी जाती है। शहनाज ने कहा है कि अगर वे ऐसा करेंगे तो मैं आत्महत्या कर लूंगी। शहनाज के आरोपों के जवाब में बांदा जेल के अधीक्षक वी.के.सिंह ने कहा, ' शहनाज मौके को अपने पक्ष में भुनाना चाहती हैं। उनके ट्रांसफर का ऑर्डर महीने भर से लटका हुआ था।' शबनम ने कहा है कि वह बलात्कार की पीड़ित लड़की के लिए न्याय चाहती हैं। वॉर्डन का यह भी कहना है कि उसकी जान को भी खतरा है।जेल वॉर्डन के इस आरोप के बाद अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी), उत्तर प्रदेश वीके गुप्ता ने इस मामले की जांच के आदेश देते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक वाई. शुक्ला को बांदा भेजा है।

उत्तर प्रदेश में ‘पीपली लाइव’ की तर्ज पर ‘बांदा लाइव’ दोहराया जा रहा है। ‘नपुंसक विधायक’ द्वारा किए गए बलात्कार की शिकार युवती के घर के इर्द-गिर्द समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी आदि के विधायक जमा हो गए हैं। कई टीवी चैनलों के संवाददाता वहां पहुंच गए हैं और पीड़ित युवती अचानक बड़ी सरगर्मी के कारण हैरान है।

पीड़ित युवती को करीब 30 दिनों तक चोरी के आरोप में रखने के बाद, शनिवार को रिहा कर दिया गया। और इसके बाद से ही राजनीतिक कार्यकर्ताओं की भीड़ उसके निवास के इर्द-गिर्द जमा हो रही है। समाजवादी पार्टी के नेताओं ने तो दो विधायकों को पीड़ित युवती के निवास के सामने डेरा डालने के निर्देश दिए हैं। इन विधायकों की कोशिश होगी कि पीड़ित युवती अपना बयान न बदले।

बीएसपी सरकार ने करीब 160 पुलिसकर्मी सुरक्षा के नाम पर पीड़ित युवती के घर के आसपास लगा दिए हैं। इन पुलिसकर्मियों के माध्यम से किसी को भी पीड़ित से नहीं मिलने दिया जा रहा है। बीजेपी की तरफ से स्मृति इरानी के साथ कुछ विधायकों ने बांदा में पीड़ित से मुलाकात की।

अचानक बढ़ी सरगर्मियों से युवती और उसके परिवारजन हैरान हैं और वे यहां से जाना चाहते हैं। लेकिन सुरक्षा के नाम पर उन्हें रोका जा रहा है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में एक ही साल का समय है और कोई भी राजनीतिक दल इस कांड को भुनाने में पीछे नहीं रहना चाहता।






बीएसपी विधायक द्वारा किए गए बलात्कार की शिकार युवती को सभी ओर से बढ़ते दबाव के कारण शनिवार को जेल से रिहा कर दिया गया। विधायक जेल में भी महिला वार्डन को धमकी दे रहा है। बांदा राजनीति का केंद्र बन गया है और सभी दलों के नेता वहां मौजूद हैं। इन परिस्थितियों में क्या पीड़ित को न्याय मिल पाएगा? क्या राज्य सरकार वाकई पीड़ित को न्याय दिलाने के प्रति गंभीर है? क्या विधायक को जेल में डालने के बाद भी वह केस को प्रभावित करने की कोशिश नहीं कर रहा है?

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